भीमा कोरेगांव: पुणे पुलिस को मिला चार्जशीट दाखिल करने के लिए 90 दिन का समय
महाराष्‍ट्र के एडीजी (कानून और व्‍यवस्‍था) परमवीर सिंह (Photo Credit-ANI Twitter)

पुणे: भीमा कोरेगांव केस मामले में पुणे पुलिस को सेशन्स कोर्ट ने मामले में गिरफ्तार किए गए पांच आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर करने के लिए पुलिस को 90 दिन का अतिरिक्त समय दिया है. इस मामले में पुलिस ने 6 जून को सुरेंद्र गाडलिंग, शोमा सेन, महेश राउत, सुधीर धवले और रोना विल्सन को गिरफ्तार किया था. दरअसल भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में हुई गिरफ्तारियों के सिलसिले में चार्जशीट दायर करने को लेकर पुणे पुलिस ने शनिवार को और अधिक समय की मांग की थी. पुलिस ने इसके लिए पुणे कोर्ट में आवेदन किया था जिसके लिए मंजूरी मिल गई है.

बता दें कि भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में मंगलवार को देश के कई हिस्सों में छापेमारी कर पुलिस ने 5 प्रमुख कार्यकर्ताओं- सुधा भारद्वाज, पी वरवरा राव, गौतम नवलखा, अरुण फेरेरा और वेरनॉन गोंसालविस को हिरासत में लिया था. इन सभी को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 6 सितंबर तक हाउस अरेस्ट रखा रखा गया है.

चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा वाली सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने इतिहासकार रोमिला थापर और चार अन्य लोगों की याचिका पर सुनवाई करते हुए गिरफ्तार समाजिक कार्यकर्ताओं को बड़ी राहत देकर उन्हें नजरबंद रखने का आदेश दिया था.

 देश के अलग-अलग शहरों में छापे मारी 

गौरतलब है कि पुलिस ने महाराष्ट्र के कोरेगांव-भीमा दंगों के संबंध में मंगलवार को देश के अलग-अलग शहरों में छापे मारे और पांच मानवाधिकार कार्यकर्ताओं व कथित नक्सल समर्थकों को गिरफ्तार किया. इनमें वामपंथी विचारक वरवर राव भी शामिल हैं. मुंबई, पुणे, गोवा, दिल्ली, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और हरियाणा में 10 जगहों पर छापे मारे गए.

इस साल एक जनवरी को हुए कोरेगांव-भीमा दंगा मामले में नक्सल समर्थकों की भागीदारी की जारी जांच के सिलसिले में मानवाधिकार कार्यकर्ता क्रांति, स्टेन स्वामी और आनंद तेलतुंबडे समेत कई अन्य के खिलाफ भी छापे मारे गए.

मोदी की हत्या को लेकर लिखा पत्र

बता दें कि पुणे पुलिस ने जून में कथित तौर पर पांच लोगों में से एक व्यक्ति के घर से मोदी की हत्या की साजिश के उल्लेख वाला एक पत्र बरामद किया था. बरामद पत्र में कथित तौर पर प्रधानमंत्री मोदी की हत्या पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की तर्ज पर करने की बात कही गई थी. इस पत्र को लिखने वाले व्यक्ति की पहचान सिर्फ 'आर' के रूप में की गई.

इसमें साजिश को अंजाम देने के लिए एक एम-4 राइफल व चार लाख चक्र कारतूस खरीदने के लिए आठ करोड़ रुपये की जरूरत का जिक्र किया गया था. कहा जा रहा है कि इस पत्र में वरवर राव का नाम धन का इंतजाम करने वाले के रूप में शामिल है. यह पत्र नक्सल नेता प्रकाश को संबोधित था और इसे मानवाधिकार कार्यकर्ता रोना जैकब विल्सन के पास से बरामद किया गया था, जब उन्हें दिल्ली में गिरफ्तार किया गया था..