दिग्गज फुटबॉलर बाइचुंग भूटिया (Bhaichung Bhutia) ने राजनीति को अलविदा कह दिया है. आज यानी मंगलवार को उन्होंने राजनीति छोड़ने का ऐलान किया. भूटिया ने कहा कि चुनाव नतीजों के बाद उन्हें एहसास हुआ कि चुनावी राजनीति उनके लिए नहीं है. उन्हें राज्य में खेल और पर्यटन के विकास के लिए अपने विचारों को लागू नहीं कर पाने का अफसोस है. उन्होंने कहा कि राजनीति में उनके इरादे हमेशा अच्छे रहे हैं. उन्होंने अपने समर्थकों को धन्यवाद दिया और जिन लोगों को उन्होंने ठेस पहुंचाई है उनसे माफी मांगी.
एक बयान में उन्होंने पीएस तमांग और एसकेएम पार्टी को 2024 के सिक्किम विधानसभा चुनाव में जीत के लिए बधाई दी. उन्होंने उम्मीद जताई कि एसकेएम सरकार अपने वादों को पूरा करेगी और सिक्किम को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी.
बता दें कि भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व कप्तान बाइचुंग भूटिया ने फुटबॉल में देश का खूब नाम रोशन किया लेकिन उन्हें राजनीति में सफलता नहीं मिली. सिक्किम विधानसभा चुनाव 2024 में एक बार फिर उन्हें हर का सामना करना पड़ा. भूटिया को बारफंग विधानसभा सीट पर सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा के उम्मीदवार रिक्षल दोरजी भूटिया ने पटखनी दी. बाइचुंग भूटिया को 4336 वोटों से शिकस्त का सामना करना पड़ा.
बाइचुंग भूटिया न केवल इस बार बल्कि इससे पहले जितनी बार चुनाव मैदान में उतरे हैं, उतनी बार उन्हें शिकस्त झेलनी पड़ी है. भूटिया को 10 साल के सियासी सफर में 6 बार हार का मुंह देखना पड़ा है.
राजनीती में खराब रहा प्रदर्शन
बाइचुंग भूटिया ने सबसे 2014 में दार्जिलिंग सीट से टीएमसी के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा था जहां उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. भूटिया 2016 में एक बार फिर से चुनावी मैदान में उतरे और सिलीगुड़ी सीट से टीएमसी के ही टिकट पर विधानसभा का चुनाव लड़ा लेकिन नतीजा यहां भी उन्हें हार ही मिली. इसके बाद 2019 के सिक्किम विधानसभा चुनाव में फिर से भूटिया गंगटोक और ट्रूमेन लिंगी से चुनावी मैदान में उतरे और हार का सामना किया. 2019 के उपचुनाव में भी उन्हे शिकस्त मिली.