कनाडा हो या पाकिस्तान, विदेशी सरजमीं पर भारत के दुश्मनों का खात्मा! 90 फिसदी भारतीयों ने किया इसका समर्थन
लोगों ने भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के दुनिया के किसी भी देश में आतंकवादियों को पकड़ने और खत्म करने के विचार का समर्थन किया है, चाहे वह पाकिस्तान हो या कनाडा या कहीं और.
नई दिल्ली, 22 सितंबर: सीवोटर के एक विशेष अखिल भारतीय सर्वेक्षण से पता चला है कि अधिकांश उत्तरदाताओं ने भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के दुनिया के किसी भी देश में आतंकवादियों को पकड़ने और खत्म करने के विचार का समर्थन किया है, चाहे वह पाकिस्तान हो या कनाडा या कहीं और.
सीवोटर सर्वेक्षण में 3,303 उत्तरदाताओं को शामिल किया गया था. कुल मिलाकर, हर पांच में से चार से अधिक या 83 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने इस राय को साझा किया. इंडिया गठबंधन का समर्थन करने वालों की राय में भिन्नता है. India-Canada Row: कनाडा में कौन है खालिस्तानी आतंकियों की जान का दुश्मन? सालों पुरानी खूनी जंग अभी भी है जारी
जबकि एनडीए समर्थक के रूप में पहचान करने वाले 90 प्रतिशत से अधिक लोग इस विचार का समर्थन करते हैं, वहीं विपक्षी इंडिया गठबंधन के समर्थकों के रूप में पहचान करने वालों का अनुपात 80 प्रतिशत से कम है.
इसके विपरीत, केवल 8 प्रतिशत उत्तरदाताओं की राय है कि भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को इस तरह से कार्य नहीं करना चाहिए. 10 प्रतिशत से भी कम उत्तरदाताओं ने कहा कि उनके पास इस मुद्दे पर साझा करने के लिए कोई राय नहीं है.
भारत और कनाडा के बीच राजनयिक संबंध, जो कुछ वर्षों से तनावपूर्ण रहे हैं, पिछले कुछ दिनों में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के देश की संसद के भीतर एक सनसनीखेज बयान देने के बाद एक नए निचले स्तर पर आ गए हैं.
पीएम ट्रूडो ने कहा कि कनाडा के अंदर भारतीय एजेंसियों के वांछित खालिस्तानी समर्थक हरजीत सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंसियों के शामिल होने के संभावित संबंधों के बारे में विश्वसनीय आरोप हैं.
निज्जर की 18 जून को एक गुरुद्वारे के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इसे गैंगलैंड हत्या बताया जा रहा है. कनाडा के विदेश मंत्री ने घोषणा की कि एक वरिष्ठ भारतीय राजनयिक को निष्कासित किया जा रहा है. भारत ने जवाबी कार्रवाई करते हुए पीएम ट्रूडो के आरोपों को बेतुका बताते हुए एक कनाडाई राजनयिक को निष्कासित कर दिया.
दोनों देशों द्वारा यात्रा सलाह जारी की गई है और कनाडा में भारतीय मिशन ने अगली सूचना तक कनाडाई नागरिकों को वीजा जारी करना निलंबित कर दिया है. खालिस्तानी उग्रवाद कई वर्षों से कनाडा और भारत के बीच मतभेद का एक गंभीर मुद्दा रहा है.