बुर्का पर प्रतिबंध पार्टी का आधिकारिक रुख नहीं, बवाल मचने के बाद शिवसेना ने दी सफाई
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Flickr, Michał Huniewicz)

मुंबई: शिवसेना ने बुधवार को अपने मुखपत्र में प्रकाशित बुर्का पर प्रतिबंध से जुड़ी मांग से शाम को आधिकारिक रूप से खुद अलग कर लिया. शिवसेना ने इस्लाम के पवित्र महीने रमजान के शुरू होने के पांच दिनों पहले इस मुद्दे पर भारी हो-हल्ला के बाद ऐसा किया है. शिवसेना की प्रवक्ता नीलम गोरे ने कहा कि हर नीतिगत निर्णय पर शीर्ष नेताओं की बैठक में चर्चा होती है या पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) द्वारा घोषणा की जाती है.

शिवसेना की प्रवक्ता नीलम गोरे ने एक स्पष्ट बयान में इस मुद्दे पर नाटकीय तरीके से रुख पलटते हुए कहा, "आज के संपादकीय पर न तो उद्धव जी से चर्चा हुई थी और न ही उन्होंने इसकी घोषणा की थी और इस तरह से निजी तौर पर श्रीलंका के मौजूदा हालात पर यह संपादक की राय हो सकती है, लेकिन इसका पार्टी अध्यक्ष या पार्टी ने समर्थन नहीं किया है." यह भी पढ़े: शिवसेना के बाद साध्वी प्रज्ञा भी बोली, देश हित की सुरक्षा के लिए बुर्का पर लगनी चाहिए प्रतिबंध

शिवसेना के दैनिक मुखपत्रों 'सामना' व 'दोपहर का सामना' के तीखे संपादकीय में बुर्का पर प्रतिबंध का आह्वान किया गया था. इस संपादकीय में कहा गया है कि श्रीलंका सरकार ईस्टर के आतंकवादी हमले के मद्देनजर बुर्का पर प्रतिबंध लगाने का विचार कर रही है. इस हमले में 250 से ज्यादा लोगों की जान गई थी.