अयोध्या मामले पर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह का ट्वीट, क्या बाबरी मस्जिद विध्वंस के दोषियों को मिलेगी सजा?
सुप्रीम कोर्ट के द्वारा अयोध्या के रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर फैसला सुना दिया. इस फैसले के बाद राजनीतिक दलों ने अपनी-अपनी प्रतिक्रिया देकर सुप्रीम कोर्ट को धन्यवाद दिया. इसी बीच पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) का एक ट्वीट फिर से सुर्खियों में आ गया. दरअसल दिग्विजय सिंह अपने पहले ट्वीट में फैसले पर खुशी जताते हुए कहा कि, राम जन्म भूमि के निर्णय का सभी ने सम्मान किया हम आभारी हैं. कांग्रेस ने हमेशा से यही कहा था हर विवाद का हल संविधान द्वारा स्थापित क़ानून व नियमों के दायरे में ही खोजना चाहिये. विध्वंस और हिंसा का रास्ता किसी के हित में नहीं है. लेकिन उसके बाद उन्होंने एक और ट्वीट कहा, माननीय उच्चतम न्यायालय ने राम जन्म भूमि फ़ैसले में बाबरी मस्जिद को तोड़ने के कृत्य को ग़ैर क़ानूनी अपराध माना है। क्या दोषियों को सज़ा मिल पायेगी? देखते हैं। २७ साल हो गये.
सुप्रीम कोर्ट के द्वारा अयोध्या के रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर फैसला सुना दिया. इस फैसले के बाद राजनीतिक दलों ने अपनी-अपनी प्रतिक्रिया देकर सुप्रीम कोर्ट को धन्यवाद दिया. इसी बीच पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) का एक ट्वीट फिर से सुर्खियों में आ गया. दरअसल दिग्विजय सिंह अपने पहले ट्वीट में फैसले पर खुशी जताते हुए कहा कि, राम जन्म भूमि के निर्णय का सभी ने सम्मान किया हम आभारी हैं. कांग्रेस ने हमेशा से यही कहा था हर विवाद का हल संविधान द्वारा स्थापित क़ानून व नियमों के दायरे में ही खोजना चाहिये. विध्वंस और हिंसा का रास्ता किसी के हित में नहीं है. लेकिन उसके बाद उन्होंने एक और ट्वीट कहा, माननीय उच्चतम न्यायालय ने राम जन्म भूमि फ़ैसले में बाबरी मस्जिद को तोड़ने के कृत्य को ग़ैर क़ानूनी अपराध माना है। क्या दोषियों को सज़ा मिल पायेगी? देखते हैं। २७ साल हो गये.
बता दें कि लखनऊ की एक विशेष सीबीआई अदालत में चल रहे अयोध्या बाबरी मस्जिद ढांचा गिराए जाने के आपराधिक मामले में फैसला अप्रैल 2020 तक आने की संभावना है. दिग्विजय सिंह ही नहीं बल्कि ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (MIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल किया कि यदि बाबरी मस्जिद अवैध थी, तो इसे ढहाने को लेकर लालकृष्ण आडवाणी पर मुकदमा क्यों चल रहा है और अगर यह वैध थी, तो आडवाणी को जमीन क्यों. ओवैसी का यह बयान उस वक्त आया जब वे मिलाद-उन-नबी के मौके पर एक जनसभा ओ संबोधित कर रहे थे.
अयोध्या मामले पर फैसला सुनाने वाली सुप्रीम कोर्ट के पांच न्यायाधीशों की पीठ ने अदालत ने विवादित स्थल पर राम मंदिर बनाने का आदेश दिया और साथ ही इसके लिए एक ट्रस्ट की स्थापना के भी निर्देश दिए. अदालत ने अयोध्या में मुसलमानों को मस्जिद बनाने के लिए पांच एकड़ जमीन देने का आदेश दिया. अयोध्या पर अपना फैसला सुनाते हुए संतुलन को भी ध्यान में रखा.
गौरतलब हो कि बीजेपी नेताओं लाल कृष्ण आडवाणी, उमा भारती और मुरली मनोहर जोशी के खिलाफ सुनवाई 25 मई, 2017 को लखनऊ की इस विशेष अदालत में शुरू हुई थी क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें इस मामले में बरी करने के इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को खारिज कर दिया था. कल्याण सिंह पर राजस्थान के राज्यपाल के रूप में कार्यकाल समाप्त होने के बाद सितंबर, 2019 में सुनवाई शुरू हुई. राज्यपाल के रूप में उन्हें कानूनी प्रक्रिया से छूट प्राप्त थी. वर्ष 1992 में छह दिसंबर को जब बाबरी मस्जिद गिरायी गयी थी, तब सिंह उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री थे.
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सीबीआई ने बाबरी मस्जिद को ढहाने के मामले की जांच अपने हाथ में ली थी जिसमें नफरत भरे भाषण देने को लेकर लाल कृष्ण आडवाणी, अशोक सिंघल, विनय कटियार, उमा भारती, साध्वी ऋतंभरा, मुरली मनोहर जोशी, गिरिराज किशोर और विष्णु हरि डालमिया के खिलाफ मामला दर्ज है.