अयोध्या : 19 फरवरी को राम मंदिर निर्माण के गठित ट्रस्ट की पहली बैठक
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण शुरू करने के लिए गठित ट्रस्ट की पहली बैठक 19 फरवरी को होने वाली है, जिसमें निर्माण से जुड़े हुए कई अहम फैसले होंगे. सूत्रों के मुताबिक, राम मंदिर बनाने के साथ ही ट्रस्ट बृहद राम कॉम्प्लेक्स बनाने पर भी विचार करेगी.
न्यू दिल्ली: अयोध्या (Ayodhya) में राम मंदिर निर्माण शुरू करने के लिए गठित ट्रस्ट की पहली बैठक 19 फरवरी को होने वाली है, जिसमें निर्माण से जुड़े हुए कई अहम फैसले होंगे. सूत्रों के मुताबिक, राम मंदिर बनाने के साथ ही ट्रस्ट बृहद राम कॉम्प्लेक्स बनाने पर भी विचार करेगी. इसके लिए ट्रस्ट की पहली बैठक में और जमीन लेने पर विचार किया जाएगा, ताकि मंदिर का कैंपस सरयू तक पहुंच सके. इसके साथ ही ट्रस्ट की पहली बैठक में अयोध्या के मास्टर प्लान बनाने पर भी चर्चा होगी.
ट्रस्ट सूत्रों का कहना है की भूमि पूजन 25 मार्च से 8 अप्रैल के बीच हो जाएगा. लेकिन निर्माण कार्य शुरू करने में अभी वक्त लगेगा.
गौरतलब है कि ट्रस्ट पूरे जमीन की पैमाइश कराने उसका समतलीकरण कराने के साथ-साथ मंदिर निर्माण स्थल की मिट्टी जांच कराने के लिए भूगर्भ शास्त्रियों की राय लेने और वास्तु शास्त्रियों से राय लेने की अपनी प्रक्रिया शुरू कर चुका है.
ट्रस्ट के सदस्य अलग-अलग जगहों पर वकीलों, भूगर्भ शास्त्रियों, आर्किटेक्ट और सिविल इंजीनियर से राय लेने में जुट गए हैं. इस पर भी ट्रस्ट की पहली बैठक में विचार होगा.
साथ ही निर्माण कार्य का जिम्मा किस कंपनी को सौंपा जाए इस मुद्दे पर भी ट्रस्ट निर्णय करेगा.
सूत्रों का कहना है कि सबसे पहले ट्रस्ट मंदिर निर्माण की तिथि को तय करेगा और जो मॉडल राम मंदिर का है उसी को और कितना विशाल और भव्य बनाया जा सकता है, इस पर ट्रस्ट निर्णय करेगा. ट्रस्ट अब चाहता है कि मंदिर भव्य बने और मॉडल को बदलना भी ना पड़े.
राम मंदिर निर्माण शुरू करने से पहले रामलला विराजमान को विस्थापित कर कहां रखा जाए इस पहलू पर विचार करेगा. मौजूदा समय में जो सुरक्षा है उस सुरक्षा को क्या बहाल रखा जाए या उसको बदला जाए इस पर ट्रस्ट निर्णय करेगा. ट्रस्ट इस बात पर भी विचार करेगा कि राम मंदिर के पूरे निर्माण को कैसे भव्य बनाया जाए. ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल का कहना है कि इतने सारे काम हैं कि एक बैठक में सभी निर्णय नहीं हो सकते.
बुधवार शाम 5 बजे की प्रस्तावित बैठक से पहले ट्रस्ट कानूनी और तकनीकी राय लेने में जुटा हुआ है. इसमें ट्रस्ट का साथ विश्व हिंदू परिषद और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कई वरिष्ठ नेता दे रहे हैं. ट्रस्ट अपनी पहली बैठक में कानूनी पहलुओं पर विचार करेगा. खासतौर पर ट्रस्ट को सौंपी गई जमीन और उससे संबंधित कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के लिए निर्णय लेगा. बैठक में और दो लोगों को ट्रस्ट में शामिल किए जाने के कानूनी पक्ष पर विचार होगा.