अयोध्या मामले की सुनवाई हुई पूरी, कोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित- NBSA ने मीडिया हाउस को जारी किया निर्देश
अयोध्या कवरेज के दौरान मीडिया को ‘न्यूज ब्रॉडकास्टिंग स्टैंडर्ड अथॉरिटी’ (News Broadcasting Standards Authority) एक एडवायजरी जारी करते हुए निर्देश दिया है. जिसमें कहा गया है कि कोर्ट कार्यवाही पर अटकलबाजी न करें. सुनवाई के तथ्यों पर ही सही खबर करें. इसके साथ ही बाबरी मस्जिद को गिराने की फुटेज को न दिखाएं. फैसले के बाद किसी तरह के सेलिब्रेशन-जश्न को ब्रॉडकास्ट न करें. शो के डिबेट में किसी तरह के अतिवादी विचारों को प्रसारित न करें. वहीं उत्तर प्रदेश की सरकार ने सरकारी अधिकारीयों की छुट्टियां कैंसल कर दी है. सभी अधिकारीयों को अपने दफ्तरों में 30 नवंबर उपस्थित रहने को कहा गया है. नोटिस में कहा गया है आगामी छुट्टियों के मद्देनजर यह फैसला लिया गया है.
लखनऊ: अयोध्या मामले (Ayodhya Case) में सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ आखिरी सुनवाई जारी है. शाम पांच बजे तक बहस पूरी हो जाएगी. पांच जजों की एक संविधान पीठ 6 अगस्त से लगातार अयोध्या मामले की सुनवाई कर रही है. वहीं CJI गोगोई ने स्पष्ट कर दिया कि आज शाम 5 बजे अयोध्या मामले की सुनवाई खत्म हो जाएगी. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने स्पष्ट करते हुए अयोध्या विवाद के पक्षकारों से बुधवार को 40वां दिन है और यह आप लोगों की दलीलों का आखिरी दिन है. वहीं अयोध्या मामले की सुनवाई पूरी हो गई है। कोर्ट ने इस पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. अदालत ने सभी पक्षकारों को तीन दिनों का समय दिया है. जिसमें उन्हें लिखित दस्तावेज को जमा करना होगा.
अयोध्या कवरेज के दौरान मीडिया को ‘न्यूज ब्रॉडकास्टिंग स्टैंडर्ड अथॉरिटी’ (News Broadcasting Standards Authority) एक एडवायजरी जारी करते हुए निर्देश दिया है. जिसमें कहा गया है कि कोर्ट कार्यवाही पर अटकलबाजी न करें. सुनवाई के तथ्यों पर ही सही खबर करें. इसके साथ ही बाबरी मस्जिद को गिराने की फुटेज को न दिखाएं. फैसले के बाद किसी तरह के सेलिब्रेशन-जश्न को ब्रॉडकास्ट न करें. शो के डिबेट में किसी तरह के अतिवादी विचारों को प्रसारित न करें. वहीं उत्तर प्रदेश की सरकार ने सरकारी अधिकारीयों की छुट्टियां कैंसल कर दी है. सभी अधिकारीयों को अपने दफ्तरों में 30 नवंबर उपस्थित रहने को कहा गया है. नोटिस में कहा गया है आगामी छुट्टियों के मद्देनजर यह फैसला लिया गया है.
गौरतलब हो कि अयोध्या विवाद मामले की अंतिम सुनवाई के दौरान बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में मुस्लिम पक्ष द्वारा हिंदू पक्ष की तरफ से जमा दस्तावेज के टुकड़े-टुकड़े फाड़ दिए जाने की वजह से माहौल गरम रहा. यह पांच न्यायाधीशों की पीठ के सामने किया गया, जिसकी अध्यक्षता प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई कर रहे थे. इस पर न्यायमूर्ति गोगोई ने कड़ी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने देखा कि मामले में शामिल पक्ष एक ऐसा माहौल पैदा कर रहा है, जो सुनवाई के अनुकूल नहीं है. उन्होंने कहा, हम सुनवाई को इस तरह से जारी नहीं रख सकते. लोग खड़े हो रहे हैं और बिना बारी के बोल रहे हैं. हम भी अभी खड़े हो सकते हैं और मामले की कार्यवाही को खत्म कर सकते हैं.
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सुनवाई के 40वें दिन अखिल भारतीय हिंदू महासभा की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील विकास सिंह ने एक किताब व कुछ दस्तावेज के साथ विवादित भगवान राम के जन्म स्थान की पहचान करते हुए एक पिक्टोरियल जमा किया. मुस्लिम पक्ष की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने दस्तावेज के रिकॉर्ड में नहीं होने की बात कहते हुए आपत्ति जताई. अदालत में दस्तावेज को फाड़ने की पांच न्यायाधीशों की पीठ से अनुमति मांगते हुए धवन ने कहा, क्या, मुझे इस दस्तावेज को फाड़ने की अनुमति है. यह सुप्रीम कोर्ट कोई मजाक नहीं और इसके बाद उन्होंने दस्तावेज के टुकड़े-टुकड़े कर दिए.