Assembly Election Results 2022: कुछ ही देर में शुरू होगी वोटों की गिनती, दिग्गजों की किस्मत का होगा फैसला
सांकेतिक तस्वीर (Photo Credit : Twitter)

नयी दिल्ली/लखनऊ/पणजी: उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर विधानसभा चुनाव की मतगणना का सभी को बेसब्री से प्रतीक्षा है. 5 राज्यों में कहां किसकी सत्ता बन रही है सभी यह जानने के लिए बेताब हैं. कुछ ही देर में अब वोटों की गिनती शुरू होने वाली है. इसी के साथ शुरूआती रूझान भी आने लगेंगे. रूझानों के साथ साथ नतीजों की तस्वीर साफ़ होने लगेगी.

उत्तर प्रदेश को भाजपा और मोदी सरकार के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि यह राज्य सबसे अधिक 80 सांसद लोकसभा भेजता है और विधानसभा चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन का 2024 के आम चुनाव पर असर पड़ने की उम्मीद है.

बहुकोणीय मुकाबले के कारण चूंकि चुनाव के बाद का परिदृश्य आश्चर्य पैदा कर सकता है, इसलिए राजनीतिक दलों ने अपने वरिष्ठ नेताओं को राज्यों में भेज दिया है और वे अन्य दलों को भी लुभा रहे हैं, ताकि यदि बाहरी समर्थन की आवश्यकता हुई तो वे सरकार बनाने में अपने प्रतिद्वंद्वियों पर भारी पड़ें.

कांग्रेस ने अपनी कर्नाटक इकाई के प्रमुख डी के शिवकुमार को गोवा में विशेष पर्यवेक्षक के रूप में तथा पार्टी महासचिव मुकुल वासनिक एवं छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव के साथ साथ विंसेंट पाला को भी मणिपुर भेजा है.

पार्टी 2017 में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने के बावजूद दोनों राज्यों में सरकार बनाने की दौड़ हार गई थी. कांग्रेस की गोवा इकाई के प्रमुख गिरीश चूडांकर ने संवाददाताओं से कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) के नेता ‘‘पहले से ही कांग्रेस नेताओं के साथ बातचीत कर रहे हैं.’’ उन्होंने दावा किया कि महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) भी उनकी पार्टी का समर्थन करेगी.

कांग्रेस ने मतगणना से पहले तटीय राज्य के सभी उम्मीदवारों को पणजी के पास बम्बोलिम गांव में एक लग्जरी रिसॉर्ट में स्थानांतरित कर दिया है. गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत मंगलवार को अपने राज्य में उभरती स्थिति पर भाजपा नेतृत्व के साथ चर्चा करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी में थे.

अधिकारियों के अनुसार, पांच राज्यों में लगभग 1,200 हॉल में मतगणना के लिए 50,000 से अधिक अधिकारियों को तैनात किया गया है और कड़ी सुरक्षा के बीच सुबह आठ बजे शुरू होने वाली कवायद के दौरान कोविड-9 रोधी दिशानिर्देशों का पालन किया जाएगा.

उत्तर प्रदेश में 750 से अधिक मतगणना हॉल होंगे जहां अधिकतम 403 विधानसभा सीट हैं. इसके बाद पंजाब में 200 से अधिक मतगणना हॉल होंगे. प्रक्रिया की निगरानी के लिए पांच राज्यों में 650 से अधिक मतगणना पर्यवेक्षक तैनात किए गए हैं.

इस संबंध में एक अधिकारी ने लखनऊ में बताया कि उप्र के सभी मतगणना केंद्रों पर वीडियो एवं स्थिर कैमरे लगाए गए हैं.

पुलिस ने कहा कि 10 मार्च के लिए उत्तर प्रदेश के सभी जिलों और आयुक्तालयों को सीएपीएफ (केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल) की कुल 250 कंपनी प्रदान की गई हैं. अधिकारियों के मुताबिक, सीएपीएफ की एक कंपनी में आम तौर पर करीब 70-80 कर्मी होते हैं. अगर भाजपा को 403 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत मिलता है तो वह पिछले तीन दशक में लगातार दूसरी बार सरकार बनाने वाली पहली पार्टी होगी.