Love jihad Law in Assam: यूपी के बाद अब असम में भी 'लव जिहाद' मामले में होगी उम्रकैद की सजा! सीएम हिमंत बिस्वा सरमा बोले- जल्द लाएंगे क़ानून

उत्तर प्रदेश में लव जिहाद' के खिलाफ उम्रकैद की सजा को लेकर काननू लाने के बाद असम सरकार भी प्रदेश में इसके खिलाफ कड़ा कानून लाने जा रही है.

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Love jihad Law in Assam:  उत्तर प्रदेश में 'लव जिहाद' के खिलाफ उम्रकैद की सजा को लेकर काननू लाने के बाद असम सरकार भी प्रदेश में इसके खिलाफ कड़ा कानून लाने जा रही है. रविवार को गुवाहाटी में राज्य भाजपा की कार्यकारिणी की बैठक में भाजपा नेताओं के साथ बैठ के दौरान  बातचीत के दौरान प्रदेश के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने ऐलान किया,  सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि प्रदेश सरकार इसके  खिलाफ कानून जल्द लाने जा रही है. इस कानून को बनने के बाद लव जिहाद मामले में दोषी पाए जाने पर आरोपी को उम्रकैद की सजा होगी. उन्होंने कहा कि जल्द ही इस बावत विधानसभा में विधेयक लाकर कानून बनाया जाएगा. जिसके बाद प्रदेश में लागू होगा.

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (CM Himanta Biswa Sarma) ने  यह भी कहा कि जल्द ही एक नई अधिवास नीति पेश की जाएगी, जिसके तहत केवल असम में जन्मे लोग ही राज्य सरकार की नौकरियों के लिए पात्र होंगे. यह भी पढ़े: UP Love Jihad Law: यूपी में ‘लव जिहाद’ क़ानून और हुआ सख्त, उम्रकैद के प्रावधान वाले संशोधित विधेयक विधानसभा में पास, जानें नए बिल में क्या है

 लव जिहाद' के खिलाफ उम्रकैद की सजा लाएगी असम सरकार:

सीएम सरमा ने इसके बारे में भी जानकारी देते हुए बताया कि असम सरकार राज्य के 13 मेडिकल कॉलेजों में नवजात शिशुओं को जन्म प्रमाण पत्र के साथ आधार कार्ड जारी करने के लिए एक पायलट परियोजना शुरू करेगी. उन्होंने कहा कि नवजात शिशुओं के जन्म के कुछ दिनों के भीतर ही आधार कार्ड जारी कर दिए जाएंगे. उन्होंने कहा कि शुरू में यह परियोजना केवल जिला के मेडिकल कॉलेजों में शुरू की जाएगी. उसके बाद यह योजना पूरे राज्य में लागू की जाएगी. सीएम सरमा  गुवाहाटी में राज्य भाजपा की कार्यकारिणी की बैठक में और कि मुद्दों पर बात की.

पिछले महीने यूपी में 30 जुलाई को लाया गया यह कानून:

पिछले महीने यूपी में 30 जुलाई को 'लव जिहाद' मामले में उम्रकैद की सजा को लेकर कानून लाया गया.  योगी सरकार ने इस बिल को उप्र विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध (संशोधन) विधेयक नाम दिय है. हालांकि इस बिल को पास होने से पहले इसका विरोध भी हुआ. कुछ लोगों ने कहा कि नए कानून की प्रदेश में कोई जरूरत नहीं है. लव जिहाद को लेकर जो पहले काननू हैं, उसका ही पालन किया जाना चाहिए

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