लोकसभा चुनाव 2019: नितिन गडकरी के ऐसे बयान, जिनका मतलब कहीं वो तो नहीं ?
सफलता के कई दवेदार लेकिन हार का कौन, यह बयान गडकरी का उस वक्त आया था जब वे पुणे में एक कार्यक्रम शिरकत करने पहुंचे थे. उन्होंने कहा था कि जीत पर सभी अपना पीठ थपथपाते हैं लेकिन हार कोई स्वीकार नहीं करता है और एक दूसरे पर उंगलियां उठाते हैं.
लोकसभा चुनाव (lok sabha election)की तारीख अभी पक्की तो नहीं हुई है लेकिन सियासी गलियारों में गहमागहमी तेज हो गई है. एक दूसरे को पटखनी देने के लिए बीजेपी, कांग्रेस और सपा-बसपा अपनी रणनीति में जुट गई हैं. एक तरफ राहुल गांधी, मोदी सरकार की कमियों को गिनाने में जुटे हैं. तो वहीं बीजेपी के नेता सरकार की उपलब्धियों को गिनाकर वोट बैंक को और मजबूत करने में जुटे हैं. लेकिन इन सब के बीच केंद्रीय मंत्री (Union Minister) नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने कुछ ऐसे बयान दिए हैं जो वीपक्ष को पंसद आए हैं. वहीं केंद्र सरकार की खूब किकिरी हो गई. एक बार फिर नितिन गडकरी के दिए गए उनके बयानों की राजनीतिक रूप से काफी चर्चा हो रही है.
रविवार को नितिन गडकरी ने अपने बयान में कहा था कि, नितिन गडकरी ने चुनाव में किए गए वादों का जिक्र करते हुए कहा कि सपने दिखाने वाले नेता लोगों को अच्छे लगते हैं, लेकिन उनके द्वारा दिखाए हुए सपने अगर पूरे नहीं हुए तो जनता उनकी पिटाई भी करती है. गडकरी ने कहा कि इसलिए जनता को सपने वही दिखाओ जो पूरे हो सकते हैं, मैं सपने दिखाने वालों में से नहीं हूं, मैं जो भी बोलता हूं वो 100 फीसदी डंके की चोट पर पूरा होता है. गडकरी के इस बयान को विपक्ष ने लपक लिया और मोदी सरकार पर हमला करना शुरू कर दिया.
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वैसे ये पहली बार नहीं है कि गडकरी ने ऐसा बयान दिया है. वो इससे पहले भी ऐसे कई बयान दे चुके हैं जिससे विपक्ष के नेता खुश हुए हैं.
पिछले साल का बयान: इससे पहले नितिन गडकरी का एक बयान चर्चा का विषय बन गया था, जब उन्होंने कहा था कि बीजेपी के कुछ नेताओं को कम बोलना चाहिए. राजनेताओं को बोलते समय काफी ध्यान रखना चाहिए. उनके इस बयान के चलते बीजेपी को काफी शर्मिंदगी झेलनी पड़ी थी. इसके बाद उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की तारीफ की थी. जो की बीजेपी के कई नेताओं को पसंद नहीं आई थी.
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हार का जिम्मेदार कौन? साल 2018 के दिसंबर महीने में एक कार्यक्रम में उन्होंने एक बयान दिया था कहा था कि अगर मैं पार्टी का अध्यक्ष हूं और मेरे सांसद और विधायक अच्छा नहीं करते हैं तो कौन जिम्मेदार होगा?
सफलता के कई दवेदार लेकिन हार का कौन: यह बयान गडकरी का उस वक्त आया था जब वे पुणे में एक कार्यक्रम शिरकत करने पहुंचे थे. उन्होंने कहा था कि जीत पर सभी अपना पीठ थपथपाते हैं लेकिन हार कोई स्वीकार नहीं करता है और एक दूसरे पर उंगलियां उठाते हैं.
वहीं गडकरी ने एक बयान में कहा था कि हार का जिम्मेदार कौन?, साल 2018 के दिसंबर महीने में एक कार्यक्रम में उन्होंने एक बयान दिया था कहा था कि अगर मैं पार्टी का अध्यक्ष हूं और मेरे सांसद और विधायक अच्छा नहीं करते हैं तो कौन जिम्मेदार होगा?
वैसे नितिन गडकरी ने अपने बयान को लेकर स्पष्ट कर चुके हैं कि उन्होंने जो कहा उसे गलत तरीके से पेश किया जा रहा है. लेकिन उनके इस बयान के बाद सियासी राजनीति का पारा अपने आप उपर चढ़ गया है. बता दें कि नागपुर में जन्मे और संघ की शाखाओं में पले-बढ़े नितिन गडकरी संघ के काफी करीब हैं. पार्टी में उनका कद बेहद बड़ा और मजबूत है. राजनीति में नेताओं के एक बयान के कई अर्थ होते हैं ऐसे में गडकरी का इस तरह बयान देना उनकी ही पार्टी कोई नई रणनीति है या नाराजगी यह तो आने वाला वक्त बताएगा.