
46 साल बाद रविवार को जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार (Jagannath Temple Ratna Bhandar) के दरवाजे खोले गए और सरकार के अधिकारियों और सेवादारों को अंदर कुछ अनोखे खजाने मिले! रत्न भंडार के भीतर एक गुप्त कक्ष में कई प्राचीन मूर्तियां मिलीं, जो कीमती धातुओं से बनी थीं. ये मूर्तियां पहले कभी किसी सूची में शामिल नहीं थीं.
रत्न भंडार की सूची बनाने वाली 11 सदस्यीय कमेटी के अध्यक्ष, बिश्वनाथ रथ ने बताया, "ये प्राचीन मूर्तियाँ बहुत छोटी हैं, लगभग 5 से 7 की संख्या में. पिछले चार दशकों में इनका रंग काला पड़ गया है. हमने उन्हें छूने की हिम्मत नहीं की. हमने तुरंत दीया जलाकर मूर्तियों की पूजा की. ये मूर्तियाँ गुरुवार को एक अस्थायी तिजोरी में स्थानांतरित की जाएंगी. मूर्तियों के वजन और निर्माण सामग्री का पता तभी लग पाएगा जब उनकी सूची तैयार हो जाएगी."
सेवादारों का मानना है कि इन मूर्तियों की पूजा पहले 'भंडार मेकाप' यानी रत्न भंडार के रखवाले करते थे. टीम के सदस्यों ने स्वीकार किया कि उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं था कि भीतर के कक्ष में मौजूद संधूकों और अलमारियों में क्या-क्या रखा है.
Government officials and servitors, who opened Ratna Bhandar of Jagannath Temple after 46 years, discovered several antique idols crafted from precious metals in the treasury’s inner chamber.
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— The Times Of India (@timesofindia) July 17, 2024
कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं कि भीतर के कक्ष में सोने के मुकुट, सोना और बाघ के पंजे, सोने के हार, सोने के पहिये, सोने के फूल, सोने के मोहर (सिक्के), लॉकेट, चाँदी के सिंहासन, कंगन, हीरे-मोती से सजे हार और एक सोने से सजे 'मयूर चाँदरिका' जैसे कई बहुमूल्य सामान रखे हुए होंगे.
रत्न भंडार में रविवार को प्रवेश करने वाली टीम के एक सेवादार, दुर्गा प्रसाद दासमोहापत्र ने बताया, "हमें बाहरी कक्ष में केवल सोने और चांदी के सामान मिले हैं, जो कि सालाना त्योहारों के दौरान देवताओं के उपयोग के लिए खोले जाते हैं. हमें नहीं पता कि भीतर के कक्ष में मौजूद संदूकों में क्या रखा है."
यह खोज जगन्नाथ मंदिर और इसकी समृद्ध संस्कृति के बारे में कई नए रहस्यों को उजागर कर सकती है. आने वाले दिनों में, मूर्तियों की सूची और इन खजानों के बारे में और जानकारी सामने आने की उम्मीद है.