वाराणसी, उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के बीच बढ़ती नजदीकीयों और अगले लोकसभा चुनाव में होने जा रहे गठबंधन को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का शीर्ष नेतृत्व भी सजग हो गया है. इस सिलसिले में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह चार जुलाई को वाराणसी और मिर्जापुर में प्रवास के दौरान पूर्वांचल में पार्टी की संभावित रणनीति पर पदाधिकारियों के साथ मंथन करेंगे. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के मिर्जापुर में चार जुलाई के दौरे के समय एक तरफ जहां पूर्वाचल में पार्टी की संभावित रणनीति पर मंथन होगा वहीं दूसरी ओर आजमगढ़ में प्रधानमंत्री की 15 जुलाई को होने वाली रैली को लेकर भी चर्चा होगी. वह इस दौरान पूर्वांचल के विधायकों और पदाधिकारियों के साथ बैठकर उनकी रैली को लेकर रणनीति तैयार करेंगे.
भाजपा सूत्रों की मानें तो इस दौरे में शाह पूर्वाचल के मतदाताओं की मनोभावना समझकर उसके मुताबिक पार्टी को रणनीति तैयार करने की सलाह देंगे। 2014 के लोकसभा चुनाव में वाराणसी, मिर्जापुर और आजमगढ़ मंडल में बसपा ने सीट भले ही नहीं जीती थी, पर उसके प्रत्याशियों को सपा से भी ज्यादा वोट मिले थे. ऐसे में गठबंधन के बाद हालात बहुत अनुकूल नहीं हैं. मुलायम सिंह यादव द्वारा आजमगढ़ सीट छोड़ने के बाद भाजपा ने यहां अपनी नजर गड़ा दी है.
चार जुलाई के दौरे में यह भी तय हो जाएगा कि मंत्रिमंडल के अगले विस्तार में पूर्वाचल को कैसे महत्व दिया जाए। जमीनी हकीकत की पड़ताल और फीडबैक के बाद मंथन कर तालमेल बढ़ाने पर फैसला किया जाएगा. गोरखपुर-बस्ती मंडल की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंपी गई है, जबकि वाराणसी और मिर्जापुर की कमान फिलहाल अमित शाह ने खुद संभाल ली है. सूत्रों के मुताबिक, चुनाव से पहले तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शाह के पूर्वाचल दौरों की संख्या बढ़ाई जाएगी, ताकि पार्टी 2017 के विधानसभा चुनाव जैसा परचम 2019 के लोकसभा चुनाव में भी फहरा सके.
भाजपा के प्रदेश महासचिव और विधान परिषद सदस्य विजय बहादुर पाठक ने बताया कि राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह चार जुलाई को बनारस और मिर्जापुर के दौरे पर आ रहे हैं. इस दौरान वह पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के साथ बैठकर विचार-विमर्श करेंगे.