बड़ी खबर: भारत के कड़े रुख के बाद माना अमेरिका, ईरान से तेल खरीदने की दी छूट
आयल रिफाइनरी (Photo Credits: Twitter)

नई दिल्ली: भारत द्वारा कड़ा रुख अख्तियार करने के बाद अमेरिकी ने दबाव में आकर घुटने टेक दिए हैं. अमेरिका ने सोमवार से ईरान पर प्रतिबंध लागू होने के बावजूद भारत को कच्चे तेल का आयात करने की छूट दे दी है. दरअसल अमेरिका ने भारत, चीन सहित कई देशों को धमकी दी थी कि ईरान से कच्चे तेल का आयात नवंबर तक बंद करें नहीं तो वह आर्थिक प्रतिबंध लगा देगा. हालांकि भारत ने ऐसा करने से साफ़ मना कर दिया था.

भारत ईरान से कच्चे तेल का चीन के बाद दूसरा सबसे बड़ा खरीदार है. इसलिए अमेरिका चाहता था कि भारत ईरान से कच्चा तेल खरीदना पूरी तरह बंद कर दें. लेकिन भारत की ओर से कोई प्रतिकूल सहयोग नहीं मिलने के कारण अमेरिका को अपना फैसला बदलना पड़ा. अमेरिका चाहता ईरान के तेल की बिक्री अंतरराष्ट्रीय मार्केट में पूरी तरह से समाप्त हो जाए लेकिन अगर ऐसा होता है तो विश्व बाजार में तेल की कीमतों में भारी उठा-पटक हो सकती है.

 भारत, चीन और जापान को दी छूट-

अमेरिकी विदेश मंत्री माइक ने प्रतिबंधों में ढील देने की घोषणा की. माइक पोम्पियो ने कहा अमेरिका ने भारत, चीन और जापान को ईरान से तेल आयात करने की छूट दे दी है. उन्होंने बताया कि ईरान के पेट्रोलियम और बैंकिंग सेक्टर पर अमेरिकी प्रतिबंध सोमवार से लागू हो गए है. ये ईरान पर लगे अब तक के सबसे कड़े प्रतिबंध हैं. उम्मीद है कि इस प्रतिबंध से ईरान सरकार के बर्ताव में बदलाव आएगा.

ओपेक ने उत्पादन बढ़ाने से किया था इनकार-

बता दें कि तेल निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) के सबसे बड़े उत्पादक सऊदी अरब और रूस ने बयान जारी कर कहा था कि वह क्रूड का उत्पादन नहीं बढ़ाएंगे. ओपेक देशों ने कहा कि प्रतिबंध से प्रभावित ईरान से आपूर्ति में होने वाली किसी भी कमी को पूरा करने के लिए वह उत्पादन नहीं बढ़ाएंगे. जिस वजह से अमेरिका पर फैसला बदलने का दबाव और भी बढ़ गया था.

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अमेरिका ने भारत समेत अन्य देशों को ईरान से पेट्रोल का आयात घटाकर चार नवंबर तक "शून्य" करने को कहा था. साथ ही स्पष्ट किया था कि इसमें किसी को भी किसी तरह की छूट नहीं दी जायेगी. सऊदी अरब और इराक के बाद ईरान भारत के लिये तीसरा सबसे बड़ा कच्चा तेल आपूर्तिकर्ता देश है. अप्रैल 2017 से जनवरी 2018 के दौरान ईरान ने 1.84 करोड़ टन कच्चे तेल की आपूर्ति की थी.

इस वजह से लगाया प्रतिबंध-

अमेरिका ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम और कथित तौर पर आतंकवाद को समर्थन देने के खिलाफ उस पर प्रतिबंध लगाया है. प्रतिबंध के तहत अमेरिका उन देशों और विदेशी कंपनियों को दंडित करेगा जो ईरान से तेल आयात और ब्लैक लिस्ट में डाली गई ईरान की कंपनियों के साथ व्यापार करेगा. जानकारों की मानें तो अमेरिकी प्रतिबंधों के बाद ईरान से दूसरे देशों को होने वाली तेल सप्लाई में हर रोज 10 से 15 लाख बैरल की कमी आ सकती है.