अमरनाथ यात्रा: 18 दिन में 2.3 लाख श्रद्धालुओं ने बाबा बर्फानी के किये दर्शन
अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra) के लिए शुक्रवार को जम्मू से 3,627 श्रद्धालुओं का एक और जत्था रवाना हुआ. इस साल एक जुलाई से यात्रा शुरू होने के बाद से अब तक 18 दिनों में 2.3 लाख से अधिक श्रद्धालु समुद्र तल से 3,888 मीटर ऊपर स्थित बाबा बफार्नी के दर्शन कर चुके हैं.
जम्मू: अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra) के लिए शुक्रवार को जम्मू से 3,627 श्रद्धालुओं का एक और जत्था रवाना हुआ. इस साल एक जुलाई से यात्रा शुरू होने के बाद से अब तक 18 दिनों में 2.3 लाख से अधिक श्रद्धालु समुद्र तल से 3,888 मीटर ऊपर स्थित बाबा बफार्नी के दर्शन कर चुके हैं। श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड के अधिकारियों ने कहा कि एक जुलाई को यात्रा शुरू होने के बाद से अब तक 18 दिनों में 2,32,860 श्रद्धालुओं ने पवित्र शिवलिंग के दर्शन कर लिए हैं.
पुलिस ने आगे बताया कि इनमें से 1,411 यात्री बालटाल आधार शिविर जा रहे हैं जबकि 2,216 यात्री पहलगाम आधार शिविर जा रहे हैं. श्रद्धालुओं के अनुसार, अमरनाथ गुफा में बर्फ की विशाल संरचना बनती है जो भगवान शिव की पौराणिक शक्तियों की प्रतीक है. तीर्थयात्री पवित्र गुफा तक जाने के लिए या तो अपेक्षाकृत छोटे 14 किलोमीटर लंबे बालटाल मार्ग से जाते हैं या 45 किलोमीटर लंबे पहलगाम मार्ग से जाते हैं। बालटाल मार्ग से लौटने वाले श्रद्धालु दर्शन करने वाले दिन ही आधार शिविर लौट आते हैं. यह भी पढ़े: अमरनाथ यात्रा: महज 16 दिनों में 2 लाख श्रद्धालुओं ने किए बाबा बर्फानी के दर्शन, टूटा 4 साल का रिकॉर्ड
दोनों आधार शिविरों पर हालांकि तीर्थ यात्रियों के लिए हैलीकॉप्टर की भी सेवाएं हैं. स्थानीय मुस्लिमों ने भी हिंदू तीर्थयात्रियों की सुविधा और आसानी से यात्रा सुनिश्चित कराने के लिए बढ़-चढ़कर सहायता की है. एसएएसबी के अधिकारियों के अनुसार, प्राकृतिक कारणों से अब तक 17 तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है, वहीं दो लोगों की मौत दुर्घटना में हुई है. पवित्र गुफा की खोज सन 1850 में एक मुस्लिम चरवाहा बूटा मलिक ने की थी. किवदंतियों के अनुसार, एक सूफी संत ने चरवाहे को कोयले से भरा एक बैग दिया था, बाद में कोयला सोने में बदल गया था. लगभग 150 सालों से चरवाहे के वंशजों को पवित्र गुफा पर आने वाले चड़ावे का कुछ भाग दिया जाता है.