बीजेपी को पछाड़ने के लिए मायावती और अखिलेश यादव ने गठबंधन का किया ऐलान, 38-38 सीटों पर लड़ेंगे चुनाव
माजवादी पार्टी राष्ट्रीय अखिलेश यादव अध्यक्ष बीएसपी प्रमुख मायावती के बीच उत्तर प्रदेश में आयोजित एक प्रेस कांफ्रेस के दौरान दोनों नेताओं की तरह से आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर अधिकारिक रूप से ऐलान हो गया कि दोनों पार्टियां उत्तर प्रदेश में एक साथ मिलाकर चुनाव लड़ेगी.
लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (BSP) सुप्रीमो मायावती (Mayawati) ने शनिवार को औपचारिक रूप से ऐलान करते हुए कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी समाजवादी पार्टी (SP) के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी. मायावती ने संवाददाता सम्मेलन में गठबंधन का ऐलान किया. उन्होंने गठबंधन को एक नई राजनीतिक क्रांति करार दिया और कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह (Amit Shah) की नींद उड़ा देगा. बता दें कि गठबंधन के मुताबिक दोनों पार्टियां उत्तर प्रदेश में 38-38 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी. वहीं दो सीट कांग्रेस पार्टी के लिए छोड़ दी गई है.
वहीं आगे अपने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान मायावती ने मौजूदा सरकार पर हमला करते हुए कहा कि देश की जनता मोदी सरकार से पूरी तरह से परेशान है खासकर पिछड़े और दलित वर्ग की जनता. यहीं वजह है कि इस सरकार को रोकने के लिए उन्होंने उत्तर प्रदेश में पिछले दिनों हुए लोकसभा के उप चुनाव के लिए सपा से गठबंधन करके चुनाव लड़ा. अब 2019 का लोकसभा चुनाव दोनों पार्टियां एक साथ चुनाव लड़ने जा रही है. यह भी पढ़े: बीजेपी को हराने के लिए 26 साल बाद होगी सपा-बसपा एक, मायावती-अखिलेश यादव आज करेंगे बड़ा ऐलान
मावावती ने इस गठबंधन में कांग्रेस को शामिल नहीं करने को लेकर कहा कि कांग्रेस ने राज्य में एक लंबे समय तक राज किया. लेकिन इस सरकार के गरीब पिछड़े और दलित के लिए कुछ भी नहीं किया. इसलिए दोनों पार्टी के नेताओं ने फैसला किया है कि आगामी लोकसभा में इस पार्टी को गठबंधन में शामिल नहीं करेंगे. इस दौरान मायावती ने यह भी कहा कि कांग्रेस के साथ गठबंधन करने से उन्हें किसी प्रकार का फायदा नहीं होने वाला है. वहीं मीडया से बात करते हुए अखिलेश यादव ने भी बीजेपी पर हमला करने हुए कहा कि इस सरकार को सत्ता से उखाड़ फेंकने के लिए दोनों पार्टियां उत्तर प्रदेश में एक साथ मिलाकर चुनाव लड़ने जा रही है. इसका फायदा दोनों पार्टियों को लोकसभा चुनाव में जरूर होगा. यह भी पढ़े: मिशन 2019: SP-BSP का गठबंधन तय, कल मायावती और अखिलेश यादव साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में करेंगे ऐलान
बता दें कि सपा और बसपा का यह गठबंधन 26 साल बाद एक बार हुआ है. इससे पहले साल 1993 में बसपा और सपा ने मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ा था. इस चुनाव में समाजवादी पार्टी ने 264 सीटों पर लड़ी थी और 17.82 प्रतिशत मत पाकर 109 सीटों पर जीती थी. तो वहीं बसपा ने 163 सीटों और चुनाव लड़कर 67 पर जीत हासिल की थी. इनपुट भाषा