Injection Import For Kidney Disease: किडनी की बीमारी से जूझ रहे एक बच्चे के लिए इंजेक्शन आयात करे AIIMS: दिल्ली HC

दिल्ली उच्च न्यायालय ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) से कहा है कि वह गुर्दे से संबंधित बीमारी से जूझ रहे चार वर्षीय एक बच्चे के इलाज में आवश्यक इंजेक्शन का तत्काल आयात करे.

Kidney Photo Credit: Pixabay)

नयी दिल्ली, पांच अप्रैल: दिल्ली उच्च न्यायालय ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) से कहा है कि वह गुर्दे से संबंधित बीमारी से जूझ रहे चार वर्षीय एक बच्चे के इलाज में आवश्यक इंजेक्शन का तत्काल आयात करे. ‘हॉर्सशू किडनी’ नामक बीमारी में जन्म से पहले गुर्दों के निचले सिरे आपस में जुड़े होते हैं और "यू" आकार के बन जाते हैं.

यह आदेश अदालत के रजिस्ट्रार जनरल को मिले एक ईमेल के आधार पर दर्ज जनहित याचिका पर आया है. याचिका में बच्ची की मां ने शिकायत की थी कि ‘डेक्सेल’ नामक इंजेक्शन देश में उपलब्ध नहीं है. ये भी पढ़ें- Video: चेन्नई एयरपोर्ट पर इलेक्ट्रिक मोटर के अंदर 95 लाख रुपये का सोना छिपाकर लाया यात्री, कस्टम ने किया जब्त

महिला ने शिकायत में कहा कि उसके बेटे के इलाज के लिए इंजेक्शन की तत्काल आवश्यकता है.

याचिका में कहा गया है कि एम्स ने महिला को नंद नगरी में ईएसआईसी डिस्पेंसरी से इंजेक्शन लाने भेजा था क्योंकि बच्चे के पिता कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) योजना के लाभार्थी हैं. हालांकि, डिस्पेंसरी ने उन्हें यह कहते हुए एम्स वापस भेज दिया कि इंजेक्शन खरीदा नहीं जा सकता क्योंकि यह देश में उपलब्ध नहीं है.

ईएसआईसी ने अदालत को सूचित किया कि इंजेक्शन की खरीद से इनकार करने का एकमात्र कारण भारत में इसकी अनुपलब्धता थी. इसने अदालत को यह भी बताया कि भारतीय औषधि ग्रंथ (फार्माकोपिया) में इसका कोई विकल्प उपलब्ध नहीं है. ‘फार्माकोपिया’ एक आधिकारिक प्रकाशन होता है, जिसमें दवाओं की सूची, उनके प्रभाव और उनके उपयोग के निर्देश दिए होते हैं.

ईएसआईसी के वकील ने मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सचिन दत्ता की पीठ से एम्स को इंजेक्शन खरीदने का निर्देश देने का आग्रह किया और कहा कि ईएसआईसी इसकी खरीद पर आने वाली पूरी लागत की प्रतिपूर्ति करेगा.

एम्स के वकील ने इस प्रस्ताव पर सहमति जताई. इसके बाद उच्च न्यायालय ने कहा, "एम्स अस्पताल को निर्देश दिया जाता है कि वह बच्चे/रोगी के इलाज के लिए आवश्यक इंजेक्शन की खरीद/आयात करने के लिए तत्काल कदम उठाए और बिना किसी देरी के इंजेक्शन लगाए. एम्स अस्पताल इस संबंध में व्यय/शुल्क का विवरण संप्रेषित करेगा. ईएसआईसी एम्स अस्पताल को इसकी प्रतिपूर्ति करेगा.”

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