पठानकोट एयरबेस पर तैनात हुआ दुश्मन के परखच्चे उड़ा देने वाला अपाचे हेलिकॉप्टर, Water Cannon से सलामी तो मंत्र उच्चारण से की गई पूजा
दुनिया के सबसे बेहतरीन लड़ाकू हेलिकॉप्टर में से एक अपाचे अब भारतीय वायुसेना (IAF) का हिस्सा बन गया. एयर चीफ मार्शल बी. एस. धनोआ (IAF Chief BS Dhanoa) पठानकोट एयर फोर्स स्टेशन (Pathankot Air Base) पर पूजा-अर्चना के साथ शामिल किया गया. उसके बाद उसके बाद वाटर कैनन से पानी की बौछारें करके सलामी दी गई. पंजाब के पठानकोट एयरबेस पर 8 अपाचे हेलिकॉप्टर (Apache attack helicopter ) को शामिल किया गया.
दुनिया के सबसे बेहतरीन लड़ाकू हेलिकॉप्टर में से एक अपाचे अब भारतीय वायुसेना (IAF) का हिस्सा बन गया. एयर चीफ मार्शल बी. एस. धनोआ (IAF Chief BS Dhanoa) पठानकोट एयर फोर्स स्टेशन (Pathankot Air Base) पर पूजा-अर्चना के साथ शामिल किया गया. उसके बाद उसके बाद वाटर कैनन से पानी की बौछारें करके सलामी दी गई. पंजाब के पठानकोट एयरबेस पर 8 अपाचे हेलिकॉप्टर (Apache attack helicopter ) को शामिल किया गया. पठानकोट एयरबेस पाकिस्तान सीमा के सबसे करीब है. भारत पाकिस्तान के बीच तनातनी के बोर्डर पर तैनात किया गया है.
भारत 14वां देश है जिसने उसे अपनी सेना के लिए चुना है. भारत से पहले अमेरिका, इजरायल, यूके, नीदरलैंड, सऊदी अरब, इजिप्त, UAE, ग्रीस, सिंगापूर, इंडोनेशिया, ताइवान, साउथ कोरिया, देश अपाचे का इस्तेमाल करते हैं. अपाचे एएच-64ई’ दुनिया के सबसे उन्नत बहु-भूमिका वाले लड़ाकू हेलीकॉप्टर है. इसमें लगे सेंसर की मदद से अपाचे एएच-64ई रात में भी सफल ऑपरेशन करने में सक्षम है और अपने टार्गेट को भेद सकता है. वायुसेना ने 22 अपाचे हेलीकाप्टरों के लिए सितंबर 2015 में अमेरिकी सरकार और बोइंग लिमिटेड के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए थे.
अपाचे एएच-64ई एक घातक मारक हेलीकॉप्टरों में गिना जाता है. अपाचे हेलिकॉप्टर को उड़ाने के लिए 2 पायलट जरूरत पड़ती है. यह 60 फुट ऊंचे और 50 फुट चौड़ा होता है. अपाचे हेलिकॉप्टर में दो इंजन लगे होते हैं जिसके कारण इसकी स्पीड बहुत ज्यादा होती है. तेज गति के कारण यह दुश्मनों के टैंकरों के आसानी से परखच्चे उड़ा सकता है. अपाचे 365 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भरता है. अपाचे एएच-64ई हेलिफायर और स्ट्रिंगर मिसाइलों से लैस होती है.
अपाचे एएच-64ई में दोनों तरफ 30एमएम की दो गन लगी होती हैं. इसका वजन 5,165 किलोग्राम है. इसके अंदर दो पायलटों के बैठने की जगह होती है. इसमें हेल्मेट माउंटेड डिस्प्ले, इंटिग्रेटेड हेलमेट और डिस्प्ले साइटिंग सिस्टम लगा है. जिसकी मदद से पायलट हेलिकॉप्टर में लगी ऑटोमैटिक एम230 चेन गन से अपने दुश्मन को आसानी से टारगेट कर सकता है.