अगस्ता वेस्टलैंड केस: मोदी सरकार को मिली बड़ी कामयाबी, आरोपी क्रिश्चियन मिशेल को दुबई से लाया गया भारत, कांग्रेस की बढ़ सकती है मुसीबतें

वहीं इस मामले में जानकारी देते हुए कि सीबीआई (Dubai) की तरफ से बयान जारी कर कहा गया था कि NSA अजित डोभाल के 'निर्देशन के तहत एक अभियान' में शामिल थे. मिशेल को मंगलवार करीब 11 बजे भारत लाया गया.

ब्रिटिश नागरिक क्रिश्चियन मिशेल जेम्स को लाया गया भारत ( फोटो क्रेडिट: ANI/twitter)

अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलिकॉप्टर सौदे (AgustaWestland helicopter deal) से जुड़े 3,600 करोड़ रुपये के रिश्वत मामले के कथित मध्यस्थों में से एक ब्रिटिश नागरिक क्रिश्चियन मिशेल जेम्स (Christian Michel) को दुबई से प्रत्यर्पित मंगलवार रात भारत लाया गया.मिशेल के एक प्राइवेट विमान के जरिये क्रिश्चियन मिशेल को दुबई से भारत लाया गया है. वहीं इस मामले में जानकारी देते हुए कि सीबीआई (Dubai) की तरफ से बयान जारी कर कहा गया था कि NSA अजित डोभाल के 'निर्देशन के तहत एक अभियान' में शामिल थे. मिशेल को मंगलवार करीब 11 बजे भारत लाया गया. जिसे आज सीबीआई अब मिशेल को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश करेगी.

बता दें कि पिछले साल, सीबीआई ( New Delhi ) के अनुरोध पर इंटरपोल ने मिशेल के खिलाफ एक रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था. रेड कॉर्नर नोटिस इस घोटाले में शामिल इटली के दो नागरिकों -कार्लो गेरोसा और गुइडो हैस्के- के खिलाफ भी जारी किया गया था. भारतीय जांच एजेंसियों के मुताबिक, अगस्ता वेस्टलैंड को हेलिकॉप्टर का ठेका सुनिश्चित कराने के लिए मिशेल को कम से कम 235 करोड़ रुपये बतौर रिश्वत प्राप्त हुए थे. उसने इस सिलसिले में बार-बार भारत की यात्रा की थी. उसने वर्ष 1997 से 2013 के बीच भारत की 300 यात्राएं की थी.

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मिशेल को यह रिश्वत राशि कंसल्टेंसी कार्य के भुगतान के बहाने विदेशों और भारत में स्थित कंपनियों के एक नेटवर्क के माध्यम से दी गई थी. उसने दुबई स्थित अपनी कंपनी ग्लोबल सर्विसिस एफजेई का इस्तेमाल पैसे को ठिकाने लगाने के लिए किया.

यह है पूरा मामला 

गौरतलब हो कि भारत ने 1 जनवरी 2014 को फिनमेक्के निका की ब्रिटिश सहायक कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड से लिए जाने वाले 12 एवी-101 वीवीआईपी हेलीकॉप्टर के कांट्रेक्ट को रद्द कर दिया था. भारत ने यह कदम मामले में संविदात्मक दायित्वों के कथित उल्लंघन और 423 करोड़ रुपये घूस देने के आरोप की वजह से उठाया था. सीबीआई ने इससे पहले 12 मार्च 2013 को एफआईआर दर्ज की थी, जिसमें 2004 से 2007 तक आईएएफ प्रमुख रहे एस.पी.त्यागी और अन्य पर अगस्ता वेस्टलैंड को कांट्रेक्ट दिलवाने के लिए घूस लेने का आरोप लगाया गया था.

सीबीआई के मुताबिक, त्यागी ने करार के बिंदुओं में बदलाव के लिए कथित रूप से बिचौलियों और कई देशों में स्थित कंपनियों के एक नेटवर्क के माध्यम से अगस्ता वेस्टलैंड से करोड़ों रुपये रिश्वत लिए थे. हेलिकॉप्टरों की उड़ान क्षमता मूल रूप से प्रस्तावित 6,000 मीटर से घटा कर 4,500 मीटर कर दी गई और केबिन की ऊंचाई घटाकर 1.8 मीटर कर दी गई थी. ये दोनों बदलाव कथित रूप से सौदे को अगस्ता वेस्टलैंड के पक्ष में करने के लिए किए गए थे, जिसने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और अन्य वीवीआईपी को ढोने के लिए आईएएफ के कंम्यूनिकेशंन स्क्वाड्रन के लिए 12 हेलिकॉप्टरों की आपूर्ति का ठेका हासिल कर लिया था.

सीबीआई जांच से पता चला था कि हैश्के, गेरोसा और मिशेल ने त्यागी बंधुओं को कई भुगतान किए थे. एजेंसी ने वर्ष 2004 से 2007 तक आईएएफ प्रमुख रहे त्यागी, उनके चचेरे भाई और खेतान को पिछले साल दिसंबर में गिरफ्तार कर लिया था. जो अब जमानत पर हैं. ( भाषा इनपुट )

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