PM-CARES Fund Row: अधीर रंजन चौधरी ने पूछा- COVID-19 महामारी से निपटने के स्वास्थ्य मंत्रालय को पीएम केयर्स फंड से मिला कितना पैसा? डॉ हर्षवर्धन ने दिया ये जवाब

स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्रालय को 893.93 करोड़ रुपये 50,000 मेड इंडिया वेंटिलेटर्स के लिए पीएम केयर्स फंड से मिले.

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन (Photo Credit-ANI)

नई दिल्ली: संसद के मानसून सत्र में विपक्ष द्वारा पीएम केयर्स फंड (PM-CARES Fund) का मुद्दा लगातार उठाया जा रहा है. लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Chowdhury) ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन (Dr Harsh Vardhan) के समक्ष पीएम केयर फंड को लेकर सवाल उठाए. कांग्रेस सांसद ने डॉ हर्षवर्धन से कहा कि वे पीएम केयर फंड से उनके मंत्रालय और राज्य सरकारों को कितनी धनराशि आवंटित की गई है. अधीर रंजन चौधरी ने पूछा, "COVID-19 महामारी से निपटने के लिए PM-CARES फंड की स्थापना की गई थी. मैं स्वास्थ्य मंत्री से पूछता हूं - PM-CARES फंड से आपके मंत्रालय और राज्य सरकारों को कितना फंड मिला है?"

स्वास्थ्य मंत्री ने अपने जवाब में पीएम केयर्स फंड से मिली राशि का खुलासा किया साथ ही यह भी बताया कि उस राशि का उपयोग कहां किया गया. स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्रालय को 893.93 करोड़ रुपये 50,000 मेड इंडिया वेंटिलेटर्स के लिए पीएम केयर्स फंड से मिले. यह भी पढ़ें | COVID-19 के बीच राष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य कानून बनाने की तैयारी कर रही सरकार.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन का जवाब:

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा दुनिया में 145 वैक्सीन उम्मीदवार प्री-क्लीनिकल ट्रायल में हैं जबकि 35 का क्लीनिकल ट्रायल चल रहा है. भारत में हमने 30 वैक्सीन उम्मीदवारों को पूरा सहयोग किया है. जिसमें से 3 एडवांस ट्रायल के पहले दूसरे और तीसरे चरण में हैं जबकि 4 प्री क्लिनिकल ट्रायल के एडवांस स्टेज में हैं. यह भी पढ़ें | Coronavirus Vaccine: राज्यसभा में स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन बोले- उम्मीद है कि अगले साल की शुरुआत तक भारत में कोरोना वैक्सीन उपलब्ध हो जाएगी. 

इससे पहले शनिवार को कांग्रेस ने पीएम केयर्स फंड के गठन के औचित्य पर सवाल उठाया था और पारदर्शिता का अभाव होने का आरोप लगाया. सरकार की ओर से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर वह बिना पंजीकरण वाले 'प्रधानमंत्री राहत कोष' पर जवाब नहीं दे सकती तो फिर उसे 'पीएम केयर्स कोष पर सवाल करने का कोई अधिकार नहीं है.

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