Article 370 के हटाए जाने से बौखला गया था पाकिस्तान, उम्मीद नहीं थी कि भारत ऐसा कुछ कर देगा...

कश्मीर से अनुच्छेद 370 के हटाए जाने के फैसले से पाकिस्तान हक्का-बक्का रह गया था. अजय बिसारिया उस दौरान इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायुक्त थे उन्होंने बताया कि भारत के इस फैसले का पाकिस्तान पर क्या असर पड़ा.

Ajay Bisaria Former High Commissioner to Pakistan

नई दिल्ली: कश्मीर से अनुच्छेद 370 (Article 370) के हटाए जाने के फैसले से पाकिस्तान हक्का-बक्का रह गया था. अजय बिसारिया उस दौरान इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायुक्त थे उन्होंने बताया कि भारत के इस फैसले का पाकिस्तान पर क्या असर पड़ा. पूर्व राजनयिक अजय बिसारिया (Ajay Bisaria) ने कहा, "अनुच्छेद 370 को हटाया जाना कुछ ऐसा था जिसने पाकिस्तान को आश्चर्यचकित कर दिया, उन्हें ऐसा होने की उम्मीद नहीं थी. इस फैसले से भारत ने पाकिस्तान को बता दिया था कि हमारी कश्मीर नीति हमारी पाकिस्तान नीति से अलग है और यह एक आंतरिक समायोजन है जो हम कर रहे हैं और इसमें पाकिस्तान का कोई अधिकार नहीं है." PM Modi On Article 370: ब्रह्मांड की कोई ताकत अब जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 की वापसी नहीं करा सकती.

पूर्व राजनयिक ने बताया, "पाकिस्तान इस पर प्रतिक्रिया देना चाहता था लेकिन उसके विकल्प सीमित थे क्योंकि वह उस समय कठोर शक्ति का उपयोग नहीं कर सकता था. इसलिए उन्होंने सोचा सबसे आसान विकल्प उच्चायुक्त को जाने के लिए कहना था और मुझे भी जाने के लिए कहा गया, लेकिन किसी तरह गुस्सा व्यक्त करने का यह एक आलसी विकल्प था." Lakshadweep IND-PAK Story: लक्षद्वीप पर कब्जा करने वाला था पाकिस्तान, भेज दिए थे जंगी जहाज, फिर भारत का हिस्सा कैसे बना ये आईलैंड.

पाकिस्तान कुछ नहीं कर सका

पूर्व राजनयिक अजय बिसारिया ने अपनी किताब 'Anger Management: The Troubled Diplomatic Relationships Between India And Pakistan' में ऐसे कई घटनाक्रम के बारे में विस्तार से बताया है.

क्या था आर्टिकल 370?

आर्टिकल 370 भारतीय संविधान का एक प्रावधान था. जो जम्मू-कश्मीर को एक विशेष राज्य का दर्जा देता था. आर्टिकल 370 खत्म किए जाने की पाकिस्तान की आलोचना की थी. आर्टिकल 370 के प्रावधान ऐसे थे कि भारतीय संविधान भी जम्मू कश्मीर में सीमित हो जाती थी, जिससे देश के सरकारें राज्य के फैसले को लेकर हमेशा बंधी रहती थीं. आर्टिकल 370 के कारण जम्मू कश्मीर का अपना एक अलग संविधान था. अनुच्छेद 370 के चलते, जम्मू-कश्मीर का अलग झंडा होता था। इसके साथ ही जम्मू -कश्मीर की विधानसभा का कार्यकाल 6 वर्षों का होता था.

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