लखनऊ, 7 जुलाई: लखनऊ में स्थित राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में एक 22 साल की गर्भवती महिला ने सोमवार को कोरोना जांच के लिए लगी लाइन में ही अपने बच्चे को जन्म दे दिया. पलक नाम की यह महिला प्रसव पीड़ा के साथ ही अस्पताल पहुंची, लेकिन उसे ट्राइएज क्षेत्र में जाने के लिए कहा गया जहां ट्रू नेट मशीन के माध्यम से कोविड टेस्ट किए जाते हैं.
वह महिला कतार में मुश्किल से ही खड़ी हो पा रही थी और इस दौरान जब उसकी एमनियोटिक थैली फट गई, तो वह गिर पड़ी और बच्चे को वहीं जन्म दे दिया. इस वाकये से वहां दहशत का माहौल पैदा हो गया और इसके बाद मेडिकल स्टाफ ने महिला सहित बच्चे को एक वार्ड में शिफ्ट करा दिया. संस्थान ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं और विभाग के एक सदस्य एवं प्रसूति व स्त्री रोग विभाग के दो वरिष्ठ और दो जूनियर डॉक्टरों को ड्यूटी पर जाने के लिए कहा है.
महिला के पति रमन दीक्षित एक दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी है. उसने पत्रकारों को बताया पलक नौ महीने की गर्भवती थी. सोमवार को प्रसव पीड़ा शुरू होने के बाद उसे तुरंत अस्पताल लाया गया. हालांकि स्त्री रोग विभाग के आपातकालीन वार्ड में कर्मचारियों ने यह कहते हुए उसे भर्ती नहीं किया कि प्रोटोकॉल के अनुसार उसे पहले कोविड-19 टेस्ट में से होकर गुजरना है. इस जांच के लिए 1,500 रुपये की जरूरत थी और मेरे पास उतने नकद पैसे नहीं थे.
मैंने अपनी पत्नी को अपने एक परिजन के साथ कोरोना जांच की लाइन में खड़ा कराया और पैसे लेने घर वापस गया. जब मैं वापस लौटा तो देखा कि मेरी पत्नी ने एक लड़के को जन्म दिया है और उसे वार्ड में भर्ती कराया गया है. आरएमएलआईएमएस के प्रवक्ता डॉ. श्रीकेश सिंह ने बताया कि मां और बच्चा दोनों अभी ठीक हैं.