गणतंत्र दिवस 2019: पांच ऐसी शख्सियते जिनके भारतीय होने पर होता है गर्व
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: pixabay)

भारत को सपूतों को देश का कहा जाता है. वैसे तो हमारी सरजमीं पर कई महान लोगों ने जन्म लिया जिन्हें पूरी दुनिया आज भी सलाम करती है. लेकिन इनमें से कुछ ऐसे है जिनके भारतीय होने पर देश के हर नागरिक को गर्व महसूस होता है. जिन्होंने एक साथ कई किरदारों को जिया और हर किरदार में अव्वल रहे. आईये जानते है ऐसी ही पांच महानतम शख्सियतो के बारे में जिन्हें जानकर आप अभी से ही भारतीय होने पर प्राउड महसूस करने लगेंगे.

 

डॉक्टर अब्दुल कलाम-

डॉक्टर अब्दुल कलाम एक संपूर्ण शख्सियत थे. वह एकमात्र ऐसे राष्ट्रपति थे, जिनकी लोकप्रियता वैश्विक तौर पर थी. कलाम सिर्फ देश के लिए ही नहीं शिक्षा, विज्ञान और साहित्य के लिए भी सर्पित थे. वह शिक्षक भी थे, कविताएं भी लिखते थे और वीणा भी बजाते थे.

अब्दुल कलाम को देश के मिसाइल मैन भी कहा जाता था. उन्होंने देश की कई मिसाइल को उड़ान दी थी. वे पायलट बनना चाहते थे लेकिन किन्ही कारणों से पायलट नहीं बन पाए. फिर हार नहीं मानते हुए जीवन ने उनके सामने जो रखा उन्होंने उसे ही स्वीकार कर साकार कर दिखाया. उनका मानना था कि जीवन में कुछ भी यदी आप पाना चाहते हैं तो आपका बुलंद हौसला ही आपके काम आएगा.

अब्दुल कलाम भारत के राष्ट्र निर्माता में से एक है, उन्हें पीपुल्स प्रेसीडेंट भी कहा जाता है. उनका ज्ञान और व्यक्तित्व कुछ ऐसा था कि उन्हें 40 यूनिवर्सिटियों से डॉक्ट्रेट की मानद उपाधि हासिल हुई. कलाम को 1981 में भारत सरकार ने देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, पद्म भूषण और फिर, 1990 में पद्म विभूषण और 1997 में भारत रत्न प्रदान किया. कहते हैं कि कलाम ने अपनी पूरी प्रफेशनल जिंदगी में केवल 2 छुट्टियां ली थीं. एक, अपने पिता की मौत के समय और दूसरी, अपनी मां की मौत के समय.

साल 2015 को आईआईटी गुवाहाटी में संबोधन के दौरान देहांत हो गया था. भारत रत्न' से नवाजे गए पूर्व राष्ट्रपति, स्वर्गीय डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के विचार उनके दुनिया से चले जाने के बाद भी उनके किए गए काम, उनकी सोच और उनका संपूर्ण जीवन देश के लिए प्रेरणास्रोत है.

अमिताभ बच्चन-

अपने करोड़ों फैंस के दिलों पर राज करने वाले अमिताभ बच्चन को इस सदी का महानायक कहा जाता है. उन्हें फैंस बिग बी भी कहते है. 76 वर्षीय अमिताभ बच्चन एक ऐसे कलाकार जिन्हें देश ही नहीं बल्कि दुनियाभर में लोकप्रियता हासिल है. जब भी भारतीय फिल्म इंडस्ट्री का जिक्र होता तो उसमें अमिताभ बच्चन का नाम बड़े ही सम्मान के साथ लिया जाता  है. आज भी वेजिस फूर्ती और जोश के साथ काम करते हैं उसे देखकर आज के युवा भी हैरान रह जाते हैं. छोटे पर्दे से लेकर बड़े पर्दे तक, आज भी वो अपनी धाक जमाए हुए हैं. उनकी यही बात उन्हें बेहद खास बनाती है.

बताया जाता है बिग बी एक इंजिनियर बनना चाहते थे और साथ ही वो इंडियन एयर फोर्स से जुड़ना चाहते थे. लेकिन वे इसमें सफल नहीं हो पाए. अपनी भारी आवाज के लिए मशहूर अमिताभ बच्चन को इसी के चलते ऑल इंडिया रेडियो में काम नहीं मिला. जिसके बाद अमिताभ बच्चन ने 1969 में फिल्म इंडस्ट्री में अपना सफर शुरू किया. बिग बी की पहली पगार 300 रुपए थी. उस समय उन्होंने वॉयस नैरेटर के रूप में मृणाल सेन की फिल्म 'भुवन शोम' के लिए काम किया था. जाने माने निर्देशक सत्यजित रे ने भी अपनी फिल्म 'शतरंग के खिलाड़ी' में उनकी आवाज का इस्तेमाल किया था.

फिल्म 'सात हिंदुस्तानी' से उन्होंने अपना डेब्यू किया. अमिताभ के संघर्ष भरे दिनों में महमूद ने उन्हें आसरा दिया और साथ ही उन्हें गाइड भी किया. अमिताभ ने लगातार 12 फ्लॉप फिल्में दी जिसके बाद जाकर उनकी फिल्म 'जंजीर' सुपर डुपर हिट हुई.  किसी भी अन्य एक्टर की तुलना में अमिताभ ने सबसे ज्यादा डबल रोल्स निभाए हैं. फिल्म 'महान' में उन्होंने ट्रिपल रोल भी निभाया है.

मेजर ध्यानचंद-

दुनिया मेजर ध्यानचंद को हॉकी का जादूगर कहती है. अपने शानदार खेल की बदौलत ध्यानचंद ने भारत को तीन बार ओलंपिक में गोल्ड मेडल दिलाया. भारत में ध्यानचंद का जन्मदिन भारत में राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में भी मनाया जाता है. मेजर ध्यानचंद के खेल को देख के जर्मनी का सबसे बड़ा तानाशाह हिटलर भी उनका मुरीद हो गया था.

मेजर ध्यानचंद को बचपन में हॉकी नहीं, कुश्ती से ज्यादा लगाव था. ध्यानचंद के आगे दूसरे देशों की बड़ी-बड़ी टीमें धूल फांकती थीं. अपने करियर में मेजर ध्यानचंद ने 22 साल तक भारत के लिए खेले. इस दौरान उन्होंने 400 इंटरनेशनल गोल किए.

पहले लोग उन्हें ध्यानसिंह कहकर पुकारते थे लेकिन सेना में नौकरी के दौरान वे दिन रात रात में हॉकी की प्रैक्टिस किया करते थे. जिसके कारण उनके दोस्तों ने नाम में चंद लगा दिया. जिसके बाद दुनिया उन्हें मेजर ध्यानचंद के नाम से जानने लगी. आपको जानकार हैरानी होगी कि ध्यानचंद के खेल से प्रभावित हिटलर ने उन्हें अपनी सेना में ऊंचा पद देने का ऑफर दिया था. लेकिन उन्होंने कहा था मैंने भारत का नमक खाया है, मैं भारतीय हूं, भारत के लिए ही खेलूंगा.

सैम मानेकशॉ-

भारतीय सेना के अध्यक्ष रहे सैम मानेकशॉ बांग्लादेश युद्ध के हीरों थे. साल 1971 में भारतीय सेना ने मानेकशॉ के नेतृत्व में पाकिस्तान को धूल चटाई थी. जिसके परिणामस्वरूप बांग्लादेश का जन्म हुआ था. बताया जाता है बांग्लादेश युद्ध में भारत को मिली जीत के बाद सैम मानेकशॉ की लोकप्रियता चरम पर पहुंच गई थी. इस दौरान इंदिरा गांधी सरकार के तख्तापलट होने की भी आशंका थी. हालांकि ऐसा नहीं हुआ.

देश के पूर्व सेना अध्यक्ष ने पहली बार द्वितीय विश्व युद्ध में जंग का स्वाद चखा. 1948 में जब वीपी मेनन कश्मीर का भारत में विलय कराने के लिए महाराजा हरि सिंह से बात करने श्रीनगर गए तो सैम मानेकशॉ भी उनके साथ थे. 1962 में चीन से युद्ध हारने के बाद सैम को बिजी कौल के स्थान पर चौथी कोर की कमान दी गई.

पद संभालते ही सैम ने सीमा पर तैनात सैनिकों को संबोधित करते हुए कहा था, "आज के बाद आप में से कोई भी जब तक पीछे नहीं हटेगा, जब तक आपको इसके लिए लिखित आदेश नहीं मिलते. ध्यान रखिए यह आदेश आपको कभी भी नहीं दिया जाएगा."

सैम मानेकशॉ अपने हँसी मज़ाक के लिए सैनिकों में मशहूर थे. शरारतें करने की उनकी यह अदा, उन्हें लोकप्रिय बनाती थीं लेकिन जब अनुशासन या सैनिक नेतृत्व और नौकरशाही के बीच संबंधों की बात आती थी तो सैम कोई समझौता नहीं करते थे.

सचिन तेंदुलकर-

मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने बेशक मैदान से संन्यास ले लिया हो पर वह अभी भी क्रिकेट की दुनिया में सबसे बड़े नाम है. उन्हें क्रिकेट का भगवान माना जाता है. दायें हाथ के बल्लेबाज सचिन भारत के पहले ऐसे खिलाड़ी रहे है जिन्हें भारत सरकार द्वारा देश का सबसे बड़ा नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न‘ मिला. इसके अलावा सचिन को अर्जुन अवार्ड, राजीव गाँधी खेल रत्न, पद्म श्री, पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया जा चुका है.

बताया जाता है सचिन अपने स्कूल के समय से ही अपने खेल की वजह से काफी मशहूर थे. वह भारत के पूर्व खिलाड़ी सुनील गावस्कर को अपना आइडल मानते थे. उनका इंटरनेशनल क्रिकेट में कैरियर 15 नवंबर 1989 को शुरू हुआ. उन्होंने कराची में अपना पहला टेस्ट मैच खेला था. सचिन ने अपना पहला दोहरा शतक 1998 जड़ा. सचिन ने 16 नवंबर 2016 को क्रिकेट के सभी फोर्मेट से सन्यास की घोषणा की.