कभी न थमने वाली मुंबई ( mumbai ) उस वक्त अचानक रुक गई. चारो-तरफ अफरातफरी मची थी. कोई कहता था यह गैंगवार है तो कोई पुलिस मुठभेड़, लेकिन जैसे जैसे शाम होने लगी तो इस हमले का भयानक चेहरा नजर आने लगा. भारत में यह सबसे बड़ा आतंकी ( terrorist ) हमला था. इस हमले को आज 26/11 Terror Attack के नाम से याद किया जाता है. इस आतंकी हमले को आज पूरे दस साल हो गए हैं. लेकिन खौफ का वो मंजर आज भी लगता हो कि जैसे कल की बात हो. आज से दस साल पहले मास्टर माइंड हाफिज सईद और जकीउर्रहमान लखवी ने साजिश रची थी. जिसके बाद 10 आतंकियों ने इस भयानक हमले को अंजाम दिया था.
इस हमले का मुंहतोड़ जवाब देते हुए मुंबई पुलिस और एनएसजी की टीम इनमें से 9 आतंकियों को मार गिराया गया था और अजमल आमिर कसाब को जिंदा पकड़ा गया था, जिसे साल 2012 में फांसी दी गई थी. इस हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया था और भारत और पाकिस्तान युद्ध की कगार पर आ गए थे. भारत किसी भी हाल में पाकिस्तान को छोड़ने को तैयार नहीं है. यही कारण है कि पाकिस्तान अंतराष्ट्रीय पर जमकर कोसा. लेकिन दस साल बाद भी (Lashkar-e-Taiba) मास्टर माइंड हाफिज सईद और जकीउर्रहमान लखवी (Zakiur Rehman Lakhvi) आज भी पाकिस्तान में खुला घुम रहा हैं.
यह भी पढ़ें:- 26/11 Mumbai Terror Attack: जब आतंकियों ने झकझोरा था मायानगरी की रूह को, कसाब ने कहा था- अब जेहाद का समय आ गया है
26/11 का वो खुनी मंजर...जानें उस हमले के एक एक पल का किस्सा
समुद्र के रास्ते जब घुसे मुंबई में... 26 नवंबर, 2008 बुधवार के दिन शाम मुंबई के सीनें को छलनी करने के इरादे से आए आतंकियों का मुंबई में घुसने में कामयाब हुए थे. कोलाबा के समुद्री तट पर एक बोट से दस आतंकी उतरे, छिपते-छिपाते हथियारों से लैस ये आतंकी कोलाबा की मच्छीमार कॉलोनी से मुंबई में घुसे और दो-दो गुटों में बंट गए.
10 दस आतंकियों टीम फिर बंट गई गुटों में.... इनमें से दो आतंकी यहूदी गेस्ट-हाउस नरीमन हाउस की तरफ बढ़े, जबकि दो आतंकी सीएसटी की तरफ. वहीं, दो-दो आतंकियों की टीम होटल ताजमहल की तरफ और बाकी बचे आतंकी होटल ट्राईडेंट ओबरॉय (Oberoi Trident) की तरफ बढ़ गए. इसके बाद इमरान बाबर और अबू उमर नामक आतंकी लियोपोल्ड कैफे (Leopold Café) पहुंचे और रात करीब साढ़े नौ बजे वहां एक जोरदार धमाका किया. जिसके बाद मुंबई के लोगों में अफरा-तफरी शुरू हो गई.
प्रमुख ठिकानों को बनाया निशाना... इधर, आतंकियों की एक दूसरी टीम (जिसमें कसाब और अबू इस्माइल खान शामिल थे) सीएसटी (Chhatrapati Shivaji Maharaj) पहुंची और अंधाधुंध गोलियां बरसाने लगी. देखते ही देखते इन आतंकियों ने 50 से अधिक लोगों को मौत के घाट उतार दिया. वहीं आतंकियों की तीसरी टीम होटल ताजमहल और चौथी टीम होटल ट्राईडेंट ओबरॉय पहुंच गई और यहां भी आतंकियों ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसानी शुरू कर दी. होटल ट्राईडेंट ओबरॉय में 30 से अधिक लोग मारे गए.
खेला मौत का तांडव... करीब 60 घंटे चले इस हमले में 166 से अधिक लोग मारे गए थे और 300 से अधिक लोग जख्मी हो गए थे. मरने वालों में 28 विदेशी नागरिक भी शामिल थे.
शहीद हुए जवान.. इस हमले में आतंकियों से लोहा लेते (Mumbai Police) महाराष्ट्र एटीएस के प्रमुख हेमंत करकरे, पुलिस अधिकारी विजय सालस्कर, आईपीएस अशोक कामटे और कॉन्स्टेबल संतोष जाधव शहीद हो गए. कई घंटों तक चली मुठभेड़ में आखिरकार राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड्स (एनएसजी) (National Security Guards) ने 9 आतंकियों को मार गिराया और 10वें आतंकी अजमल कसाब को जिंदा पकड़ लिया गया.
इस दिन हुई कसाब को फांसी... इस आतंकी हमले में पकड़े गए एक मात्र जीवित आतंकी अजमल आमिर कसाब 8 नवंबर 2012 मौत की सज़ा दिए जाने की फ़ाइल महाराष्ट्र सरकार को भेजी गई. इसी दिन महाराष्ट्र सरकार ने 21 नवंबर को मौत की सज़ा देने का फ़ैसला किया और 21 नवंबर 2012: कसाब को सुबह 7:30 बजे फांसी दी गई.