महंगाई की मार: देश में 15 जनवरी तक आएगा 21,000 टन प्याज, एमएमटीसी ने जारी किए 15000 टन के नए टेंडर
देश में 15 जनवरी तक 21,000 टन आयातित प्याज आने की संभावना है जिसके ठेके हो चुके हैं. इसके अलावा एमएमटीसी ने 15,000 टन प्याज आयात के तीन नए टेंडर जारी किए हैं. देश के बाजारों में प्याज की उपलब्धता बढ़ाने की दिशा में सरकार प्रयास कर रही है
नई दिल्ली: देश में 15 जनवरी तक 21,000 टन आयातित प्याज (Onions) आने की संभावना है जिसके ठेके हो चुके हैं. इसके अलावा एमएमटीसी (MMTC) ने 15,000 टन प्याज आयात के तीन नए टेंडर जारी किए हैं. देश के बाजारों में प्याज की उपलब्धता बढ़ाने की दिशा में सरकार प्रयास कर रही है, जिसके तहत प्याज का आयात करने के साथ-साथ घरेलू स्तर पर प्याज (Onions) की आपूर्ति व वितरण की व्यवस्था दुरुस्त की जा रही है.
इस सिलसिले में केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने बुधवार को बताया कि देश में विदेश व्यापार की सबसे बड़ी कंपनी एमएमटीसी ने 4,000 टन प्याज तुर्की से आयात करने का नया ठेका दिया है. यह प्याज जनवरी के मध्य तक देश में आएगा. साथ ही, एमएमटीसी ने 15,000 टन प्याज मंगाने के तीन नए टेंडर जारी किए हैं.
मंत्रालय ने एक बयान में बताया कि एमएमटीसी ने तुर्की से फिर 4000 टन प्याज मंगाने का अनुबंध किया है, जो इससे पहले दिए गए ठेके के अतिरिक्त है. इससे पहले कंपनी तुर्की से 11,000 टन और मिस्र से 6,090 टन प्याज मंगाने का अनुबंध कर चुकी है. बताया जा रहा है कि 6,090 टन प्याज मिस्र से अगले कुछ दिनों मूें आएगा जबकि तुर्की से 11,000 टन प्याज इस महीने के आखिर में यह जनवरी के पहले सप्ताह में आएगा.
एमएमटीसी ने अब तक 21,090 टन से ज्यादा प्याज आयात करने के ठेके दिए हैं. इसके अलावा कंपनी को 15,000 टन प्याज आयात करने के लिए नए टेंडर जारी करने के निर्देश दिए गए हैं.
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के निर्देश पर एमएमटीसी ने प्याज आयात के तीन टेंडर जारी किए हैं, जिनमें 5,000 टन का ग्लोबल टेंडर है, यानी किसी भी देश से 5,000 टन प्याज मंगाए जाएंगे. वहीं, तुर्की से 5,000 टन और यूरोपीय संघ से 5,000 टन प्याज मंगाने के टेंडर जारी किए गए हैं. गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 1.2 लाख टन प्याज का आयात करने का फैसला लिया है.
नए टेंडर में प्याज के साइज को लेकर कुछ रियायत दी गई, जिसके तहत प्याज का साइज 40 एमएम से 80 एमएम रखा गया है। इसके अलावा फ्यूमिगेशन की स्थिति में छूट जो पहले 30 नवंबर तक दी गई थी, उसे बढ़ाकर 31 दिसंबर कर दिया गया है. यह भी पढ़ें: मंहगाई की मार: मोदी सरकार का बड़ा फैसला, राज्यों से कहा- प्याज की जमाखोरी करने वालों के खिलाफ करें सख्त कार्रवाई
इसके अलावा उपभोक्ता मामले के विभाग द्वारा एक समन्वय समिति बनाई गई है, जो प्याज के आयात और वितरण की पूरी प्रक्रिया की निगरानी करते हुए यह सुनिश्चित करेगी कि समय पर राज्यों को प्याज मुहैया करवाया जा सके. समिति रोजाना आधार पर एमएमटीसी, नैफेड, भारतीय कंटेनर निगम लिमिटेड (कॉनकॉर) और संबंधित मंत्रालयों और विभागों के अधिकारियों के साथ बैठकें करेंगी। जहाजरानी मंत्रालय ने आश्वासन दिया है कि आयातित प्याज की खेप मुंबई स्थित बंदरगाह पर पहुंचने पर उसकी लैंडिंग व डॉकिंग को प्राथमिकता दी जाएगी.
इसके अलावा, सरकार घरेलू स्तर पर भी उत्पादक राज्यों से प्याज खरीदकर पूरे देश में खपत वाले राज्यों को उनकी मांग के अनुसार प्याज मुहैया करवाएगी. इससे पहले मंगलवार को केंद्र सरकार ने थोक एवं खुदरा कारोबारियों के लिए प्याज की स्टॉक सीमा घटाकर क्रमश: 25 टन और पांच टन करने का फैसला किया, जो तत्काल प्रभाव से लागू है. इससे पहले सरकार ने थोक एवं खुदरा व्यापारियों के लिए प्याज की स्टॉक सीमा क्रमश: 50 टन और 10 टन तय की थी.
उधर, दिल्ली की आजादपुर मंडी में बुधवार को प्याज की आवक बढ़ने से कीमतों में थोड़ी नरमी रही. आजादुर मंडी एपीएमसी के भाव के अनुसार, प्याज का थोक बुधवार को 30-80 रुपये प्रति किलो था जोकि पिछले कारोबारी सत्र के दौरान 82.50 रुपये प्रति किलो तक चला गया था. हालांकि दिल्ली-एनसीआर के बाजारों में खुदरा प्याज 80-120 रुपये किलो मिल रहा है.