मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कर्नाटक के पूर्व मंत्री डी के शिवकुमार की तबियत ठीक नहीं चल रह रही है. जिसके बाद उन्हें ईडी की तरफ से इलाज के लिए राम मनोहर लोहिया अस्पताल लाया गया है. जहां पर उनसे मिलने के लिए पूर्व सीएम सिद्धारमैया पहुंचे लेकिन ईडी के अधिकारियों ने उनसे मिलने नहीं दिया.
मनी लॉन्ड्रिंग मामला: पूर्व CM सिद्धारमैया को अस्पताल में भर्ती डीके शिवकुमार से मिलने से रोका गया: 12 सितंबर 2019 की बड़ी खबरें और मुख्य समाचार LIVE
महाराष्ट्र और हरियाणा में चुनाव का शंखनाद करके के बाद आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी झारखंड पहुंच रहे हैं. वहीं दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्रसंघ चुनाव के लिए आज मतदान होगा. मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार की बेटी ऐश्वर्या से गुरुवार को प्रवर्तन निदेशालय पूछताछ करेगा. आज के सभी मुख्य समाचार और ब्रेकिंग न्यूज पढ़ने के लिए हमारे साथ जुड़े रहें.
महाराष्ट्र और हरियाणा में चुनाव का शंखनाद करके के बाद आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी झारखंड पहुंच रहे हैं. पीएम मोदी आज झारखंड पर सौगातों की बरसात करेंगे. आज रांची में प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना का शुभारंभ करेंगे. बता दें कि इस योजना के तहत किसानों को 3-3 हजार रुपये पेंशन के तौर पर दिए जाएंगे. इसके साथ ही पीएम नरेंद्र मोदी साहेबगंज के मल्टी मॉडल हब का उद्धाटन करेंगे. पीएम मोदी झारखंड सचिवालय के नये भवन की भी आधारशिला रखेंगे.
वहीं दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्रसंघ चुनाव के लिए आज मतदान होगा. इस मतगणना की प्रक्रिया सुबह 8:30 बजे से शुरू हो जाएगी. ईवीएम के जरिये छात्र अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे. डूसू चुनाव में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महासचिव और संयुक्त सचिव पद के लिए 12 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं.
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गौरतलब है कि मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार की बेटी ऐश्वर्या से गुरुवार को प्रवर्तन निदेशालय पूछताछ करेगा. पिछले दिनों समन मिलने के बाद ऐश्वर्या दिल्ली पहुंची. इससे पहले ईडी ने डीके शिवकुमार के करीबी सचिन नारायण से भी पूछताछ की. बता दें कि ईडी ने शिवकुमार को इस मामले के सिलसिले में दो दिनों तक पूछताछ करने के बाद तीन सितंबर को गिरफ्तार किया था.
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का मंत्रालय ट्रैफिक नियम तोड़ने पर भारी जुर्माना लगाने की नीति तो लाया, पर बीजेपी शासित राज्यों समेत कई राज्य सरकारों ने इस कानून को लागू करने से इनकार कर दिया या फिर जुर्माने की राशि आधी कर दी.