निर्माता Anand Pandit कोविड-19 राहत केंद्र खोलने के बाद अब शुरू करेंगे वैक्सीनेशन सेंटर
महामारी के इस मुश्किल दौर में नागरिकों के दिल में एक दुसरे की मदद करने का जज्बा आशा की किरण बन कर उभरा है जिसने कितने ही लोगों की जान बचायी है और उन्हें सही वक़्त पर मदद पहुंचाई है.
महामारी के इस मुश्किल दौर में नागरिकों के दिल में एक दुसरे की मदद करने का जज्बा आशा की किरण बन कर उभरा है जिसने कितने ही लोगों की जान बचायी है और उन्हें सही वक़्त पर मदद पहुंचाई है. मदद करने के लिए हमेशा तत्पर इन ख़ास लोगों में एक नाम है वरिष्ठ निर्माता आनंद पंडित (Anand Pandit) अपने सभी संसाधनों को जुटा कर वे हमेशा सहायता कार्यों में योगदान देने के लिए तैयार रहते हैं. 2020 में जब पहला लॉकडाउन हुआ तब उन्होंने न सिर्फ अपनी फिल्म निर्माण एवं रियल एस्टेट कंपनियों से जुड़े प्रवासी मज़दूरों की देखभाल की बल्कि चिकित्सा किट भी बांटे और आवश्यकता अनुसार उनका मुफ्त स्वास्थ्य परिक्षण भी करवाया.
साथ ही उन्होंने 250 फ्लैट BMC (बृहन्मुंबई महानगरपालिका) को दिए जिसमें लगभग 1000 मरीज़ों की देखभाल की जा सकती थी. कोरोना की दूसरी लहर के दौरान भी वे पीछे नहीं रहे और निर्णय लिया की मुश्किल से घिरे मजदूरों और कर्मियों की मदद के लिए वे एक प्रतिष्ठित अस्पताल के साथ मिल कर टीकाकरण केंद्र खोलेंगे. वे कहते हैं , "पूरी तैयारी हो चुकी है और हम हम जल्द ही एक उपयुक्त जगह ढूंढ कर ऐसा केंद्र खोलेंगे जहाँ फिल्म और रियल एस्टेट व्यवसाय से जुड़े दैनिक रोज़गार कमाने वाले कर्मियों का मुफ्त टीकाकरण होगा. साथ ही मैं प्रायोजित करूंगा एक टीकाकरण अभियान IFTDA (Indian Film & Television Directors' Association) के सभी कर्मियों के लिए." यह भी पढ़ें : Malaika Arora की इस Hot Photo पर आया फैंस का दिल, इंटरनेट पर आग की तरह हुई Viral
पंडित फिलहाल कोशिश कर रहे हैं की टीकों का आयात विदेश से करने की मंजूरी उन्हें मिल जाये ताकि ज़्यादा से ज़्यादा लोगों का आसानी से टीकाकरण हो पाए. हाल ही में पंडित ख़बरों में थे जब उन्होंने अमिताभ बच्चन और अजय देवगन के साथ मिलकर दादर और जुहू में कोविड राहत केंद्र खोले जहाँ बिस्तर एवम ऑक्सीजन का पूरा प्रबंध था. पंडित कहते हैं , "हमें इस आपदा के बारे में सिर्फ चर्चा नहीं करनी है बल्कि मिल जुल कर कुछ कर दिखाना है. जल्द ही मैं स्वास्थ्य शिविर भी खोलने का प्रयास करूंगा क्योंकि चिकित्सा के सम्पूर्ण ढाँचे पर इस वक़्त बहुत ज़्यादा बोझ है. इस वक़्त जो भी मुमकिन है मैं करूंगा क्योंकि जल्दी से जल्दी इस दौर से निकलना हम सभी के लिए ज़रूरी है ."