National Sports Day: स्पोर्ट्स पर बनी 6 बॉलीवुड फिल्में जिन्होंने जीत लिया था दर्शकों का दिल

आजादी के बाद पिछले 72 सालों में भारत ने दुनिया के हर क्षेत्र में अपना लोहा मनवाया है. मगर जिस तरह भारतीय खिलाडियों ने स्पोर्ट्स के क्षेत्र में दुनिया भर में देश का नाम रोशन किया है, उससे सारा विश्व हतप्रभ है.

फिल्म 'चक दे इंडिया' और 'लगान' के पोस्टर्स (Photo Credits: File Image)

National Sports Day: आजादी के बाद पिछले 72 सालों में भारत ने दुनिया के हर क्षेत्र में अपना लोहा मनवाया है. मगर जिस तरह भारतीय खिलाडियों ने स्पोर्ट्स के क्षेत्र में दुनिया भर में देश का नाम रोशन किया है, उससे सारा विश्व हतप्रभ है. माना जाता है कि इसके लिए जितनी मेहनत खिलाडियों ने की है, वह तो लाजवाब है ही, साथ ही खेल भावना के साथ दर्शकों ने दुनिया के किसी भी कोने में जाकर उनकी जो हौसला आफजाई की है, उसे भी हल्के से नहीं लिया जा सकता. बाद में इन्हीं दर्शकों ने रियल खेल के साथ रील खेल यानी खेल और खिलाड़ियों पर आधारित फिल्मों को भी पुरजोर तवज्जो दिया. यही वजह है कि खेल विषय पर बनी अधिकांश फिल्में बाक्स आफिस खूब सराही गयीं, फिर वह चाहे आमिर खान की ‘लगान’ या ‘दंगल’ हो, शाहरुख खान की ‘चक दे इंडिया’ हो, फरहान अख्तर की ‘भाग मिल्खा भाग’ हो, प्रियंका चोपड़ा की ‘मेरी कॉम’ हो अथवा पूर्व किक्रेट कप्तान महेंद्र सिंह धोनी पर बनी फिल्म ‘एम॰ एस॰ धोनी: द अनटॉल्ड स्टोरी ’ हो. यहां हम कुछ ऐसी ही फिल्मों की बात करेंगे, जिसने चुस्त पटकथा और मंजे हुए निर्देशन से देश ही नहीं परदेश में भी खूब नाम-दाम कमाया.

लगान (क्रिकेट)

यूं तो भारतीय खिलाड़ियों ने आजादी के बाद से ही खेल की दुनिया में तिरंगा फहराने और देश का नाम रोशन करने का सिलसिला शुरू कर दिया था. लेकिन खेल और खिलाड़ी को व्यवसायिक स्तर पर पर्दे पर लाने की कोशिश काफी देरी से शुरू हुई. इसका श्रेय काफी हद तक अभिनेता और निर्माता आमिर खान को जाता है. सन् 2001 में आमिर खान ने क्रिकेट के रोमांच को ब्रिटिश हुकूमत की तानाशाही और उनके खिलाफ भारतीयों के मन में उपजती घृणा से जोड़ते हुए प्रस्तुत किया था. आशुतोष गोवारिकर की कसी हुई कथा-पटकथा और मंजे हुए निर्देशन के कारण फिल्म सुपर हिट हुई थी. यद्यपि इस फिल्म में आमिर खान को छोड़ कर एक भी सेलेबल आर्टिस्ट नहीं थे, ना ही महंगे सेट और ना ही विदेशों लोकेशनों की भव्यता थी. फिल्म देश-विदेश में सुपरहिट हुई.

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चक दे इंडिया (हॉकी)

भारतीय हॉकी टीम में पनप राजनीति और कोच के दायित्व के बीच विश्व कप जीतने के रोमांच को बखूबी रेखांकित किया था निर्देशक शिमित अमीन ने. माना जाता है कि फिल्म में शाहरुख खान का किरदार अपने जमाने के दिग्गज खिलाड़ी मीर रंजन नेगी से प्रेरित था, हांलाकि इस बात को स्पष्ट तौर पर नहीं दर्शाया गया था. यह फिल्म न केवल सुपर हिट हुई बल्कि शाहरुख खान के करियर के लिए माइल स्टोन भी साबित हुई थी. 10 अगस्त 2007 को रिलीज हुई इस फिल्म में भी शाहरुख खान के अलावा कोई भी नामचीन स्टार नहीं था. इस फिल्म में शाहरुख खान की मेहनत को देखते हुए समीक्षकों ने भी माना था कि फिल्म में कहीं भी शाहरुख खान नजर नहीं आये. स्क्रीन पर बस एक कोच खिलाड़ियों से जूझते हुए दिखा था.

दंगल (कुश्ती)

कुश्ती की परंपरा भारत की हजारों वर्ष पुरानी देन है. गामा सिंह, रघुबीर, सतपाल, दारा सिंह, रंधावा जैसे पहलवानों ने इस परंपरा को चार चांद लगाया, तमाम पदक और अवॉर्ड जितवाए. हालांकि इनमें से कुछ पहलवानों पर फिल्में भी बनीं, लेकिन सभी सी-ग्रेड के स्तर से आगे नहीं बढ़ सकी. तभी एक बार फिर साहस और जज्बा दिखाते हुए आमिर खान ने कुश्ती जैसे नीरस विषय पर एक रोचक फिल्म बना डाली. फिल्म के निर्देशक थे नितेश तिवारी. इस फिल्म में भी उन्होंने कोई भी बड़ा एवं नामचीन कलाकार नहीं लिया. फिल्म में आमिर पहली बार उम्रदराज ताऊ की भूमिका में दिखे. हरियाणा जैसी जगह पर बेटी को उसकी इच्छा के खिलाफ पहलवान बनाना किसी सपने को साकार करने जैसा ही था. 23 दिसंबर 2016 में रिलीज हुई फिल्म दंगल अपने चुस्त पटकथा और नितेश तिवारी के सुलझे हुए निर्देशन तथा तमाम संवेदनाओं और ड्रामें के साथ फिल्म ने दर्शकों को झकझोरा. फिल्म को रियेलिस्टिक बनाते हुए आमिर ने फिल्म में कुछ वास्तविक हॉकी की खिलाड़ियों को भी लिया था. यह फिल्म भी सुपर डुपर हिट हुई. यह कहने में कोई कोताही नहीं होनी चाहिए कि इस फिल्म ने कुश्ती जैसे खेल लोकप्रियता के चरम तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई थी.

भाग मिल्खा भाग (एथलीट्स)

मिल्खा सिंह का बचपन और किशोरावस्था बहुत संघर्ष एवं अभावों में बीता था. उनके जीवन में इतने उलट-फेर, इतनी सारी दुःखद घटनाएं घटीं, जिसे देखते हुए ताज्जुब होता है कि ऐसे माहौल में मिल्खा सिंह ने बडी-बड़ी चुनौतियां कैसे जीती होंगी. यह फिल्म रिलीज होने से पूर्व मिल्खा सिंह नई पीढ़ी के लिए अनजान थे, लेकिन फिल्म बनने के बाद वे युवा पीढी के लिए प्रेरणा स्त्रोत बन गये. फिल्म में मिल्खा सिंह का किरदार करने वाले फरहान अख्तर ने भी मिल्खा सिंह को सेल्युलाइड पर उतारने के लिए काफी मशक्कत की. उन्होंने अपनी पूरी लाइफ स्टाइल बदल कर रख दी थी. हालांकि इस फिल्म की सफलता में प्रसुन जोशी की टाइट स्क्रिप्ट एवं राकेश ओम प्रकाश मेहरा ने भी काफी मेहनत की थी. 12 जुलाई को रिलीज हुई ‘भाग मिल्खा भाग’ भी सुपर डुपर हिट रही.

मेरी कॉम (बॉक्सर)

मैरी कॉम एक मणिपुर में पली-बढ़ी लड़की की कहानी है, बहुत गुस्सैल स्वभाव की जुनूनी लड़की है. वह जिद्दी भी है, जो चाहती है, उसे पाने के लिए आखिरी दम तक जूझती है और अंततः जीतती है. मेरी कॉम के किरदार को प्रियंका चोपड़ा ने काफी एफर्ट लगा कर जिया था. मेरी कॉम की जीवन शैली को देखते हुए प्रियंका चोपड़ा ने उसे सैल्यूट करते हुए कहा था, कि जिस माहौल में मैरी रही हैं, या अभी भी रह रही हैं, वहां देश के लिए गोल्ड मैडल जीतने जैसी बात की कल्पना भी नहीं की जा सकती. उसने जो कुछ भी हासिल किया अपने अकेले दमखम पर किया है. मेरी कॉम को निर्देशित ओमंग कुमार ने किया है. यह फिल्म भी सुपर डुपर हिट हुई थी.

'एम एस धोनी: द अनटोल्ड़ स्टोरी' (क्रिकेट)

‘लगान’ क्रिकेट और लगान के द्वंद्व को रेखांकित करती फिल्म थी, तो 'एम एस धोनी: द अनटोल्ड़ स्टोरी' एक ऐसे क्रिकेटर की निजी जिंदगी पर आधारित है, जो अभी भी क्रिकेट में सक्रिय है. 30 सितंबर 2016 में रिलीज हुई यह फिल्म मूलत महेंद्र सिंह धोनी की सच्ची कहानी का सार है. बिहार के रांची से भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के परिदृश्य में कदम रखने और दो-दो विश्व कप दिलाने वाले धोनी को यहां तक पहुंचने के लिए कितने पापड़ बेलने पड़े थे, यही बात फिल्म में दिखाने की कोशिश की है निर्देशक नीरज पाण्डेय ने. फिल्म में धोनी का किरदार निभाया है सुशांत सिंह राजपूत ने. कहा जा रहा है कि धोनी के इस बायोपिक में काम करके सुशांत सिंह के खाते में पहली बार इतनी बड़ी हिट फिल्म शामिल हुई है.

 

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