Gali Guleiyan Review : एक गहरा संदेश देती है यह साइकोलॉजिकल ड्रामा फिल्म, मनोज बाजपेयी का शानदार अभिनय

मनोज बाजपेयी हमेशा सबको अपने अभिनय से प्रभावित करते हैं. इस बार भी उन्होंने फिल्म 'गली गुलियां' के माध्यम से अपने दमदार अभिनय की छाप छोड़ी है

फिल्म 'गली गुलियां' का रिव्यु

मनोज बाजपेयी हमेशा सबको अपने अभिनय से प्रभावित करते हैं. इस बार भी उन्होंने फिल्म 'गली गुलियां' के माध्यम से अपने दमदार अभिनय की छाप छोड़ी है. यह फिल्म इस शुक्रवार बड़े पर्दे पर दस्तक देने जा रही है. इस फिल्म में मनोज बाजपेयी, रणवीर शौरी, शहाना गोस्वामी,नीरज बी और ओम सिंह जैसे सितारें अहम भूमिका में है. ओम सिंह इस फिल्म से अपना बॉलीवुड डेब्यू कर रहे हैं. यह फिल्म एक काफी अच्छा संदेश देती है. इसके अलावा फिल्म की सिनेमेटोग्राफी भी काफी बढ़िया है. पुरानी दिल्ली को इस फिल्म में बिल्कुल ही अलग तरह से दर्शाया गया है.

कहानी :- मनोज बाजपेयी पुरानी दिल्ली के एक छोटे से घर में रहते हैं. काफी सारे कैमेराज के द्वारा वो अपने आस पास के इलाके पर नजर रखते हैं. रणवीर शोरे उनके दोस्त का किरदार निभा रहे हैं,जो हमेशा उनकी मदद करना चाहता है. उनके घर से सटे एक घर में कुछ ऐसा होता है जिससे वह परेशान हो जाते हैं. उन्हें एक बच्चें की आवाज सुनाई देती हैं. उसके पिता (नीरज कबी) उसे मार रहे होते हैं. अपने परिवार के प्रति भी उनका व्यवहार बिलकुल भी सही नहीं होता. वो बच्चा भी अपने घर से कही दूर भाग जाना चाहता है. मनोज बाजपेयी दिन रात उस बच्चे के बारे में सोचते रहते हैं. वह उसकी मदद करना चाहते हैं.फिल्म के अंत में कुछ ऐसा होता है जो आपको हैरान कर देगा और यही इस फिल्म का बेस्ट पार्ट है.

निर्देशन : दीपेश जैन का निर्देशन बेहतरीन है. एक-एक दृश्य के लिये की गई मेहनत साफ झलकती है. अभी तक हम सबने दिल्ली के हंसते-खिलखिलाते रूप को देखा है. इस फिल्म में उन्होंने दिल्ली के दूसरे रूप को काफी अच्छे ढंग से दिखाया है. फिल्म की कहानी भी उन्होंने लिखी है और इसमें भी वह फुल मार्क्स डिजर्व करते हैं.

अभिनय - मनोज बाजपेयी का अभिनय काबिले तारीफ है. उनकी जितनी प्रसंशा की जाए, उतनी कम है. रणवीर शौरी, नीरज कबी, शहाना गोस्वामी और ओम सिंह ने भी अपने किरदारों को बखूबी निभाया है.

फिल्म की खूबियां :-

1. मनोज बाजपेयी का शानदार अभिनय

2.  बेहतरीन सिनेमेटोग्राफी

3. उम्दा निर्देशन

फिल्म की खामियां :-

1. धीमी रफ़्तार

2. मास ऑडियंस को यह साइकोलॉजिकल ड्रामा शायद ही पसंद आए .

कितने स्टार्स ?

यह फिल्म एक बहुत ही गहरा संदेश देती है. आर्ट सिनेमा लवर्स के लिये यह फिल्म किसी तोहफे से कम नहीं है. मनोज बाजपेयी का दमदार अभिनय इस फिल्म की जान है.इस फिल्म को हम 3 स्टार्स देना चाहेंगे.

Share Now

\