Happy Birtday AR Rahman: ये हैं रहमान के वो 7 जादुई गानें जो किसी को भी मंत्रमुग्ध कर दे
ए आर रहमान को असली पहचान साल 1992 में आई फिल्म रोजा से मिली. इस फिल्म का संगीत लोगों का दीवाना बना गया. जिसके बाद उन्होंने बॉम्बे, रंगीला, दिल से, टाल, पुकार, लगान, रंग दे बसंती, जोधा अकबर, युवराज, गजनी और स्लमडॉग मिलेनियर जैसी कई फिल्मों में संगीत दिया.
इंडियन फिल्म इंडस्ट्री (Indian Film Industry) के नायाब रत्नों में से एक नाम है मशहूर म्यूजिक डायरेक्टर ए आर रहमान (AR Rahman) का. अपनी धुनों से किसी भी माहौल को जादुई बना देने का हुनर रहमान साहब बखूबी जानते हैं. उनका संगीत किसी भी इंसान के दिल में आसानी से घर बना सकता है. यही वजह है कि दक्षिण भारत से आने वाले इस ए आर रहमान की पहचान आज सिर्फ देश नहीं बल्कि विदेश तक में हैं. ये रहमान के संगीत का का जादू हैं जो उन्होंने 2 ऑस्कर अवॉर्ड अपने नाम किए हैं. आज ए आर रहमान अपना 53वां जन्मदिन मना रहे हैं. ऐसे में हर कोई इस इंटरनेशनल स्टार को जन्मदिन की बधाईयां दे रहा है.
ए आर रहमान का जन्म 6 जनवरी 1967 को दक्षिण भारत में मद्रास के एक हिन्दू परिवार में हुआ था. उनका असली नाम ए एस दिलीप कुमार था. लेकिन 23 साल की उम्र में उन्होंने अपना धर्म बदल लिया. दरअसल रहमान की बहन काफी बीमार हो गई थी. जिसके बाद उन्होंने अपना धर्म परिवर्तन किया. जिसके बाद अल्लाह रखा रहमान बन गए.
ए आर रहमान बचपन से ही हुनरबाज थे. वो बचपन में ही एक साथ 4 कीबोर्ड बजा लेते थे. वो कई शोज का हिस्सा बने. लेकिन उन्हें असली पहचान साल 1992 में आई फिल्म रोजा से मिली. इस फिल्म का संगीत लोगों का दीवाना बना गया. जिसके बाद उन्होंने बॉम्बे, रंगीला, दिल से, टाल,पुकार, लगान, रंग दे बसंती, जोधा अकबर, युवराज, गजनी और स्लमडॉग मिलेनियर जैसी कई फिल्मों में संगीत दिया. ए आर रहमान के इस खास जन्मदिन पर आइए देखते 7 सबसे बेहतरीन गाने.
जय हो (स्लमडॉग मिलेनियर)
तू ही रे (बॉम्बे)
ओ हमदम (साथिया)
खलबली है (रंग दे बसंती)
दिल से रे (दिल से)
इश्क बिना (ताल)
मां तुझे सलाम (वंदे मातरम्)
ए आर रहमान फिल्म ‘स्लमडॉग मिलियनेयर’ के गाने के लिए ‘एकेडेमी अवॉर्ड’, बाफ्टा अवॉर्ड और ग्रैमी अवॉर्ड जीत चुके हैं. उन्हें ‘पद्म श्री’ और पद्म भूषण’ से भी सम्मानित किया जा चुका है. जबकि टाइम्स मैगजीन ने उन्हें ‘मोजार्ट ऑफ मद्रास’ की उपाधि दी. इसके साथ ही रहमान गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड में भी सम्मानित किया जा चुका है. ऐसा करने वाले वो पहले इंडियन हैं.