#MeToo: आलोक नाथ को 6 माह का असहयोग निर्देश जारी
द फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लॉइज (एफडब्लूआईसीई) ने आलोक नाथ को छह महीने का असहयोग निर्देश जारी किया है
द फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लॉइज (एफडब्लूआईसीई) ने आलोक नाथ (Alok Nath) को छह महीने का असहयोग निर्देश जारी किया है. आलोक नाथ पर लेखक-निर्देशक विनता नंदा (Vinta Nanda) ने दुष्कर्म के आरोप लगाए हैं. इंडियन फिल्म एंड टेलीविजन डायरेक्टर्स एसोसिएशन (आईएफटीडीए) ने यह घोषणा तब की, जब उन्होंने पोश (यौन उत्पीड़न की रोकथाम) जांच के लिए मना कर दिया.
आईएफटीडीए के अध्यक्ष अशोक पंडित (Ashok Pandit) ने बताया, "हमने अपने साथी सदस्य विनता द्वारा दायर यौन उत्पीड़न की शिकायत को पोश (यौन उत्पीड़न की रोकथाम) समिति के साथ साझा किया और समिति ने पोश अधिनियम की भावना और प्राकृतिक न्याय, बराबरी व निष्पक्षता के सिद्धांतों के अनुरूप शिकायत की जांच की."
उन्होंने कहा, "आलोक नाथ को आईसीसी (आंतरिक शिकायत समिति) ने तीन बार बुलाया था, लेकिन उन्होंने जांच में हिस्सा लेने से इंकार कर दिया. उन्होंने महिलाओं के लिए एक सुरक्षित कार्यस्थल प्रदान करने के आईएफटीडीए के अधिकार के साथ सहयोग करने से इंकार कर दिया है."
उन्होंने कहा, "आलोक ने आईसीसी (आंतरिक शिकायत समिति) को स्पष्ट रूप से चुनौती दी और आईसीसी के समक्ष उपस्थित होने के सम्मन की अवहेलना की. इसलिए, उन्होंने महिलाओं के लिए सुरक्षित कार्यस्थल प्रदान करने के आईएफटीडीए के अधिकार क्षेत्र के साथ सहयोग करने से इनकार कर दिया है. आईएफटीडीए की पोश समिति की सिफारिश पर एफडब्ल्यूआईसीई ने अभिनेता को छह महीने का असहयोग निर्देश जारी किया है."
हालिया कदम के बारे में पंडित ने कहा, "हमारा प्रयास है कि यौन उत्पीड़न की घटनाओं को बिल्कुल बर्दाश्त न किया जाए और हर एक व्यक्ति को महत्व दिया जाए तथा काम के माहौल को बढ़ावा दिया जाए, जिसमें महिला-पुरुष एक-दूसरे के साथ काम करें और आपस में एक-दूसरे का सम्मान करें और लिंग-तटस्थ नीति को प्रोत्साहित किया जाए."