Crude Oil Price Drop: सस्ता होगा पेट्रोल-डीजल? कच्चे तेल के दाम गिरकर 100 डॉलर से नीचे पहुंचा
कच्चे तेल (Crude Oil) के दाम में गिरावट लगातार जारी है. कच्चा तेल (Brent Crude) 3 महीने के बाद 100 डॉलर प्रति बैरल के नीचे आया है.
Crude Oil Price Drop: कच्चे तेल (Crude Oil) के दाम में गिरावट लगातार जारी है. कच्चा तेल (Brent Crude) 3 महीने के बाद 100 डॉलर प्रति बैरल के नीचे आया है. क्रूड में नरमी से महंगाई को काबू पाने में मदद मिलेगी. क्रूड की कीमतें घटने से देश में पेट्रोल-डीजल (Petrol-Diesel) सस्ता होने की उम्मीद बढ़ गई है. संभावित वैश्विक मंदी (Global Recession) की आशंका की बीच तेल की मांग को लेकर चिंता बढ़ गई है. ब्रेंट क्रूड LCOc1 वायदा 71 सेंट गिरकर 99.98 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया. WTI क्रूड CLc1 वायदा 62 सेंट टूटकर 97.91 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया है. Petrol, Diesel Price: करों में कटौती के बाद पेट्रोल, डीजल की कीमतें स्थिर, उपभोक्ताओं को राहत
बाजार के सूत्रों की मानें तो बुधवार के आंकड़े बताते हैं कि पिछले सप्ताह अमेरिकी कच्चे तेल के स्टॉक में लगभग 3.8 मिलियन बैरल की वृद्धि हुई है, जबकि गैसोलीन का स्टॉक 1.8 मिलियन बैरल घटा है.
रूस और यूक्रेन युद्ध (Russia Ukraine War) शुरू होने के बाद से कच्चे तेल की कीमतों में जोरदार तेजी देखने को मिली है. इस दौरान क्रूड की कीमत साल 2008 के अपने उच्च स्तर को छूते हुए 139 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई थी. हालांकि, इसके बाद इसकी कीमत में कमी आई और अब फिर से क्रूड 100 डॉलर प्रति बैरल के नीचे आ गया.
अगर कच्चे तेल के दाम में एक डॉलर का इजाफा होता है, तो भारत में पेट्रोल-डीजल का दाम 50 से 60 पैसे बढ़ जाता है. अगर क्रूड का दाम गिरता है, तो पेट्रोल-डीजल के भाव में कमी की संभावना भी बढ़ जाती है.
आपको बता दें कि भारत कच्चे तेल का बड़ा आयातक (Importer) है और अपनी जरूरत का 85 फीसदी से ज्यादा कच्चा तेल बाहर से खरीदता है. आयात किए जा रहे कच्चे तेल की कीमत भारत को अमेरिकी डॉलर (Dollar) में चुकानी होती है. ऐसे में कच्चे तेल की कीमत बढ़ने और डॉलर के मजबूत होने से घरेलू स्तर पर पेट्रोल-डीजल के दाम प्रभावित होते हैं.