जरुरी जानकारी | यस बैंक ने वित्त वर्ष 2021-22 में कमाया 1,066 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ

नयी दिल्ली, 30 अप्रैल मुश्किलों से घिरे निजी क्षेत्र के यस बैंक ने वित्त वर्ष 2021-22 में शानदार प्रदर्शन करते हुए 1,066 करोड़ रुपये का लाभ कमाने के साथ फिर से मुनाफा हासिल करना शुरू कर दिया है।

यस बैंक ने शनिवार को चौथी तिमाही के नतीजे घोषित करते हुए बताया कि वह फिर से लाभ की स्थिति में आ गया है। इसके पहले वित्त वर्ष 2020-21 में उसे 3,462 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था। उसके पहले वर्ष 2019-20 में उसे 22,715 करोड़ रुपये का भारी घाटा हुआ था।

वित्त वर्ष 2018-19 के बाद पहली बार यस बैंक किसी वित्त वर्ष में लाभ अर्जित करने में सफल रहा है। उसने हाल ही में समाप्त वित्त वर्ष 2021-22 में कुल 1,066 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया है।

बैंक ने शेयर बाजारों को अपने वित्तीय नतीजों की जानकारी देते हुए कहा कि जनवरी-मार्च 2022 तिमाही में उसने 367 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया है जबकि एक साल पहले की समान अवधि में उसे 3,788 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था।

बैंक का तिमाही आधार पर भी प्रदर्शन बेहतर हुआ है। दिसंबर 2021 में समाप्त तीसरी तिमाही में उसे 266 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था। इस तरह चौथी तिमाही में उसका लाभ तीसरी तिमाही की तुलना में 38 फीसदी बढ़ गया है।

चौथी तिमाही में बैंक की कुल आय 5,829.22 करोड़ रुपये रही जबकि जनवरी-मार्च 2021 तिमाही में यह 4,678.59 करोड़ रुपये थी।

हालांकि समूचे वित्त वर्ष में यस बैंक की कुल आय 22,285.98 करोड़ रुपये ही रही जो वित्त वर्ष 2020-21 के 23,053.54 करोड़ रुपये की तुलना में कम है।

बैंक ने कहा कि वित्त वर्ष 2021-22 में उसकी जमाओं एवं अग्रिमों में तगड़ी वृद्धि देखने को मिली। बैंक के फंसे कर्जों की हिस्सेदारी भी 5.9 फीसदी से घटकर 4.5 फीसदी पर आ गई।

परिसंपत्ति गुणवत्ता के मोर्चे पर भी बैंक का प्रदर्शन बेहतर हुआ है। मार्च 2022 के अंत में बैंक की सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) उसके सकल अग्रिमों का 13.9 फीसदी रही जबकि वित्त वर्ष 2020-21 में यह अनुपात 15.4 फीसदी का था।

यस बैंक के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशांत कुमार ने कहा, ‘‘बैंक के भीतर पिछले दो साल से जारी कायांतरकारी सफर का नतीजा बहीखाते में संतुलित वृद्धि, परिसंपत्ति गुणवत्ता में सुधार, तरलता में वृद्धि और मजबूत पूंजी स्थिति के रूप में सामने आया है।’’

उन्होंने कहा कि इस दौरान तनावग्रस्त संपत्तियों का पुराना बोझ भी कम हुआ है जिससे बैंक की शुद्ध लाभपरकता बेहतर हुई है।

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