यादवपुर विश्वविद्यालय ने छात्रों से कोरोना वायरस से निपटने में मददगार अवधारणाएं विकसित करने को कहा
विश्वविद्यालय के एक अधिकारी ने सोमवार को कहा कि एक अवधारणा एक छोटा उपकरण इजाद करने के बारे में है जिसे इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ईसीजी) के तारों से जोड़ा जा सकता है और ब्लूटूथ के माध्यम से ईसीजी की रिकॉर्डिंग को किसी डॉक्टर के स्मार्टफोन में भेजा जा सकता है।
कोलकाता, 13 अप्रैल कोविड-19 से निपटने में मदद की पहल करते हुए यादवपुर विश्वविद्यालय की नवोन्मेषी परिषद ने छात्रों से कुछ अवधारणाओं पर काम करने को कहा है।
विश्वविद्यालय के एक अधिकारी ने सोमवार को कहा कि एक अवधारणा एक छोटा उपकरण इजाद करने के बारे में है जिसे इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ईसीजी) के तारों से जोड़ा जा सकता है और ब्लूटूथ के माध्यम से ईसीजी की रिकॉर्डिंग को किसी डॉक्टर के स्मार्टफोन में भेजा जा सकता है।
उन्होंने कहा, ‘‘कोरोना वायरस के रोगी में फेफड़े का संक्रमण हृदय और अन्य अंगों तक पहुंच सकता है। किसी गंभीर रोगी के सभी स्वास्थ्य मानकों पर नियमित निगरानी रखनी होती है, इस लिहाज से यह उपकरण बड़ा कारगर सिद्ध हो सकता है।’’
अधिकारी के मुताबिक डॉक्टर के मोबाइल की स्क्रीन पर रिकॉर्डिंग दिखने से गंभीर रोगियों पर कहीं से भी नजर रखी जा सकती है।
उन्होंने कहा, ‘‘अब हमने छात्रों को कोरोना वायरस फैलने के मद्देनजर इस विचार पर काम करने के लिए आमंत्रित किया है। बाद में इसका इस्तेमाल ग्रामीण क्षेत्रों के गंभीर रोगियों के लिए किया जा सकता है। यह रोगियों के लिए लाभकारी होगा और किफायती भी होगा।’’
अधिकारी ने उम्मीद जताई कि संस्थान की प्रयोगशाला खुलने के बाद छात्र इस अवधारणा पर काम करेंगे।
उनके मुताबिक दूसरी अवधारणा एक ऐसे मोबाइल ऐप की है जो पृथकवास में रह रहे लोगों के केंद्र से बाहर कदम रखते ही उनके मोबाइल फोन से संदेश भेज देगा।
अधिकारी ने कहा, ‘‘इससे अधिकारियों को पृथक केंद्र में रहने वाले लोगों पर नजर रखने में मदद मिलेगी।’’
उन्होंने कहा कि इन अवधारणाओं को विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर डाला गया है और छात्रों से इस बारे में प्रस्ताव जमा करने को कहा गया है।
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