महाराष्ट्र सरकार ने बंबई हाईकोर्ट में कहा- पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह को 20 मई तक गिरफ्तार नहीं करेंगे
parambir singh ( photo credit : ani )

मुंबई, 13 मई : महाराष्ट्र सरकार (Government of Maharashtra) ने बृहस्पतिवार को बंबई उच्च न्यायालय को बताया कि वह मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह (Parambir Singh) को अत्याचार कानून के तहत ठाणे पुलिस द्वारा उनके खिलाफ दर्ज करायी प्राथमिकी के संबंध में 20 मई तक गिरफ्तार नहीं करेगी. राज्य सरकार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता डेरियस खंबाटा ने न्यायमूर्ति पी बी वराले और न्यायमूर्ति एन आर बोरकर की खंडपीठ से कहा कि अकोला में एक पुलिस इंस्पेक्टर ने सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार के, जो आरोप लगाये हैं, वे काफी गंभीर हैं. उन्होंने कहा कि पुलिस 20 मई तक सिंह को गिरफ्तार नहीं करेगी और तब तक पुलिस प्राथमिकी के खिलाफ सिंह की याचिका के जवाब में एक हलफनामा दाखिल करेगी.

खंबाटा ने बताया कि प्राथमिकी 30 अप्रैल को दर्ज की गई और मामले की जांच शुरू कर दी गई है. पुलिस को याचिका पर हलफनामा दाखिल करने के लिए समय चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘तब तक हम (पुलिस) याचिकाकर्ता (सिंह) को गिरफ्तार नहीं करेंगे.’’ पीठ ने बयान स्वीकार कर लिया और मामले पर अगली सुनवाई के लिए 20 मई की तारीख तय की. अदालत ने कहा कि यह कथित घटना 2015 में हुई और शिकायत 2021 में दर्ज की गई. अदालत ने कहा, ‘‘शिकायतकर्ता को शिकायत दर्ज कराने में पांच साल लग गए.’’ सिंह ने गत सप्ताह उच्च न्यायालय में याचिका दायरकर उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने का अनुरोध किया था. यह भी पढ़ें : दिल्ली पुलिस ने 24 घंटे के भीतर 5 वर्षीय लड़की को उसके माता-पिता से मिलवाया

उनके वकील महेश जेठमलानी ने बृहस्पतिवार को दलील दी कि यह मामला दुर्भावनापूर्ण इरादों से दायर किया गया और यह पुलिस की शक्तियों का दुरुपयोग है. जेठमलानी ने कहा, ‘‘यह पूरी तरह से गलत प्राथमिकी है और याचिकाकर्ता (सिंह) को सुरक्षा दी जानी चाहिए.’’ महाराष्ट्र के अकोला में तैनात पुलिस इंस्पेक्टर भीमराव घाडगे की शिकायत पर यह प्राथमिकी दर्ज की गई. घाडगे ने अपनी याचिका में सिंह और अन्य अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के कई आरोप लगाए.