क्या स्विस आल्प्स के पिघलते ग्लेशियर बचा पाएगा नया कानून
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Image File)

स्विस आल्प्स में ग्लोबल वॉर्मिंग का असर बहुत नाटकीय है. ग्लेशियर बहुत तेजी से पिघल रहे हैं. जलवायु परिवर्तन को करीब से महसूस कर रहे स्विट्जरलैंड में जलवायु सुरक्षा से जुड़े एक प्रस्तावित कानून पर रेफरेंडम हो रहा है.स्विट्जरलैंड ग्लोबल वॉर्मिंग से सबसे ज्यादा प्रभावित हो रही जगहों में है. मार्च 2023 में पर्यावरण संगठन ग्रीनपीस ने बताया था कि स्विट्जरलैंड पर ग्लोबल वॉर्मिंग का असर वैश्विक औसत से ज्यादा है. बताया गया कि स्विट्जरलैंड में तापमान करीब दो डिग्री सेल्सियस तक बढ़ गया है.

बढ़ती गर्मी के कारण स्विस आल्प्स की जलवायु में बदलाव की रफ्तार काफी तेज है. गर्म लहरें ज्यादा नियमित हो गई हैं. बर्फ कम गिरती है. ग्लेशियर नाटकीय तरीके से पिघल रहे हैं. 2001 से 2022 के बीच स्विस आल्प्स में बर्फ का घनत्व एक तिहाई तक कम हो गया है.

जलवायु परिवर्तन का असर महसूस कर रहे स्विस नागरिक 18 जून को हो रहे जनमत संग्रह में एक नया कानून बनाने को मंजूरी दे सकते हैं. इस जलवायु विधेयक का मकसद देश को तेजी से कार्बन न्यूट्रैलिटी की ओर ले जाना है.

क्या है प्रस्ताव?

इस जनमत संग्रह के मुद्दों में एक विशेष कानून बनाने का प्रस्ताव शामिल है, जिसका नाम है: फेडरल ऐक्ट ऑन क्लाइमेट प्रोटेक्शन टार्गेट्स, इनोवेशन एंड स्ट्रैंथनिंग एनर्जी सिक्योरिटी. इसके तहत आयातित तेल और गैस से निर्भरता घटाई जाएगी. साथ ही, ज्यादा हरित घरेलू विकल्पों के विकास और इस्तेमाल पर भी ध्यान दिया जाएगा. इसमें 2050 तक स्विट्जरलैंड को कार्बन न्यूट्रल बनाने का भी प्रस्ताव है.

इस कानून के गठन को मजबूत जन समर्थन भी मिल रहा है. हालांकि एक हालिया सर्वे में समर्थन करने वालों के प्रतिशत में गिरावट भी देखी गई है. अभी करीब 63 फीसदी लोग प्रस्तावित विधेयक के समर्थन में हैं.

स्विट्जरलैंड, अपनी ऊर्जा खपत का तीन चौथाई हिस्सा आयात से पूरा करता है. तेल और प्राकृतिक गैस की खपत की पूरी मात्रा ही बाहर से खरीदी जाती है. नए कानून में दूसरों देशों से निर्भरता कम करने के साथ-साथ पर्यावरण प्रदूषण घटाने की योजना है.

जीवाश्म ईंधनों पर प्रतिबंध की मांग

सरकार इस कानून का प्रस्ताव "ग्लेशियर इनिशिएटिव" के विकल्प के तौर पर लाई है. ग्लेशियर इनिशिएटिव, जलवायु कार्यकर्ताओं की एक मुहिम है. इसमें वे 2050 तक स्विट्जरलैंड में तेल और गैस की खपत को पूरी तरह प्रतिबंधित करने पर रेफरेंडम लाने की अपील कर रहे थे. सरकार प्रतिबंध के विचार से सहमत नहीं थी.

अब प्रस्तावित कानून में दो अरब स्विस मुद्रा की आर्थिक सहायता देने का वादा किया गया है. यह राशि हीटिंग सिस्टम में तेल और गैस की जगह क्लाइमेट फ्रेंडली विकल्पों को प्रोत्साहन देने में खर्च की जाएगी. साथ ही, हरित नवाचार से जुड़े कारोबारों को बढ़ावा देने के लिए भी मदद दिए जाने की योजना है.

राजनैतिक दलों की रुख

राइट विंग स्विस पीपल्स पार्टी (एसवीपी), स्विट्जरलैंड का सबसे बड़ा राजनैतिक दल है. इसके अलावा बाकी सभी प्रमुख पार्टियां इस विधायक का समर्थन कर रही है. एसवीपी लोगों से इस विधेयक को खारिज करने की अपील कर रही है. उसका कहना है कि इससे अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंच सकता है.

एसवीपी की दलील है 25 साल से कुछ ज्यादा समय में क्लाइमेट न्यूट्रैलिटी हासिल करने के लक्ष्य का मतलब होगा जीवाश्म ईंधनों को प्रतिबंधित करना. इससे ऊर्जा तक लोगों की पहुंच प्रभावित होगी और घरों के बिजली बिल बहुत बढ़ जाएंगे. इससे पहले 2021 में एसवीपी ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन घटाने से जुड़े एक कानून के खिलाफ माहौल बनाने में कामयाब रही थी.

विधेयक के समर्थक ऊर्जा स्वतंत्रता की जरूरत और जलवायु परिवर्तन के विध्वंसक असर पर ध्यान देने पर जोर दे रहे हैं. एक पक्ष यह भी है कि यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद से ही विदेशी ऊर्जा स्रोतों से निर्भरता घटाने की मांग हो रही थी.

एसएम/सीके (एएफपी)