सरकार विदेश में फंसे भारतीय छात्रों की मदद क्यों नहीं करतीः कांग्रेस
प्रवक्ता ने कहा कि केंद्र सरकार को विदेश में फंसे भारतीय छात्रों को निकालने के लिए एक निश्चित समयसीमा देनी चाहिए।
नयी दिल्ली, 12 अप्रैल कांग्रेस प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने रविवार को सवाल किया कि केंद्र सरकार विदेश में फंसे भारतीय छात्रों को क्यों नहीं निकालती है जबकि सरकार भारत में फंसे विदेशियों की मदद के लिए सक्रिय है।
प्रवक्ता ने कहा कि केंद्र सरकार को विदेश में फंसे भारतीय छात्रों को निकालने के लिए एक निश्चित समयसीमा देनी चाहिए।
शेरगिल ने एक बयान में कहा, " भाजपा सरकार विदेशी नागरिकों के लिए सक्रिय है जबकि इस वैश्विक संकट की घड़ी में विदेश में फंसे भारतीय छात्रों के लिए सो रही है। "
कांग्रेस नेता ने कहा कि विदेश मंत्रालय के मुताबिक, भारत सरकार ने कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर विभिन्न देशों के अनुरोध पर 20,000 से अधिक विदेशी नागरिकों को दुनिया के विभिन्न हिस्सों में पहुंचाया है।
उन्होंने कहा, " जब एअर इंडिया को जर्मन नागरिकों और अन्य विदेशियों को उनके देश भेजने के लिए तैनात किया जा सकता है, तो एअर इंडिया का इस्तेमाल भारत के बच्चों के लिए क्यों नहीं किया जा रहा है? भारत की भाजपा-सरकार विदेश में भारतीय छात्रों को समान मदद क्यों नहीं दे रही है? "
शेरगिल ने विदेश मंत्रालय से सवाल किया कि वह विदेश में फंसे भारतीय छात्रों को निकालने की रणनीति और समय सीमा के संबंध में उनके चिंतित माता-पिता को निश्चित उत्तर क्यों नहीं दे रहा है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि अमेरिका में अनुमानित तौर पर दो लाख भारतीय छात्र पढ़ रहे हैं।
उन्होंने कहा, ” वे घर कब आएंगे? जब भारत सरकार 20,000 विदेशियों को वापस भिजवा सकती है तो विदेश में फंसे भारतीय छात्रों के लिए ऐसा ही क्यों नहीं करती है?”
शेरगिल ने कहा, " जब ब्रिटेन और अमेरिका भारत में फंसे अपने नागरिकों को निकालने के लिए विशेष उड़ानें भेज रहे हैं तो भारत सरकार विदेश में फंसे भारतीय बच्चों को क्यों नहीं निकाल रही है?”
उन्होंने कहा कि 18 मार्च तक हीथ्रो हवाई अड्डा पर 300 छात्र फंसे हुए हैं। 16 हजार छात्र फिलीपिन में पढ़ते हैं। इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, मलेशिया और अन्य देशों में बड़ी संख्या में छात्र फंसे हुए हैं।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, लेटेस्टली स्टाफ ने इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया है)