देश की खबरें | कांग्रेस पाकिस्तान का इतना समर्थन क्यों करती है: भाजपा
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सोमवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के उस कथित दावे को लेकर पलटवार किया जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत में बेरोजगारी पाकिस्तान से अधिक है। इसके साथ ही पार्टी ने यह सवाल भी उठाया कि कांग्रेस पड़ोसी देश का इतना समर्थन क्यों करती है।
नयी दिल्ली, चार मार्च भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सोमवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के उस कथित दावे को लेकर पलटवार किया जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत में बेरोजगारी पाकिस्तान से अधिक है। इसके साथ ही पार्टी ने यह सवाल भी उठाया कि कांग्रेस पड़ोसी देश का इतना समर्थन क्यों करती है।
भाजपा प्रवक्ता प्रत्यूष कंठ ने संवाददाताओं से कहा कि राहुल गांधी अपनी विदेश यात्राओं के दौरान देश को नीचा दिखाने वाली बातें कहने में 'महारत' हासिल कर चुके हैं और उनका मानना है कि वह देश की उपलब्धियों को नजरअंदाज कर अच्छा काम करते हैं।
कंठ ने कहा कि हर कोई जानता है कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था कितनी खराब है क्योंकि उसके 40 प्रतिशत से अधिक लोग गरीबी रेखा से नीचे रहते हैं।
उन्होंने कहा, "इससे पता चलता है कि उनकी (गांधी की) समझ कितनी कम है। इस तरह की टिप्पणियों के पीछे की मानसिकता और कुछ नहीं बल्कि तुष्टीकरण की राजनीति है।"
उन्होंने एक फॉरेंसिक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कांग्रेस सांसद सैयद नासिर हुसैन के कुछ समर्थकों द्वारा कर्नाटक विधानसभा में 'पाकिस्तान जिंदाबाद' का नारा लगाने को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा था।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं ने पहले इनकार करने की कोशिश की कि ऐसी कोई चीज हुई थी और इसी तरह उन्होंने बेंगलुरु में विस्फोट को तवज्जो नहीं देने का प्रयास किया।
कांग्रेस शासित राज्य में पुलिस ने 27 फरवरी को विधान सौध गलियारे में 'पाकिस्तान जिंदाबाद' के नारे लगाने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है।
उन्होंने कहा, "कांग्रेस को पाकिस्तान जिंदाबाद से इतना प्यार क्यों है? आतंकवादी उसके शासन (केंद्र में) में खुश थे।"
उच्चतम न्यायालय द्वारा तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन को उनकी 'सनातन धर्म' को खत्म करने संबंधी टिप्पणी को लेकर फटकार लगाए जाने के बाद भाजपा प्रवक्ता ने द्रमुक पर भी निशाना साधा। भाजपा नेता ने पूछा कि उन्होंने बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अपने अधिकार का दुरुपयोग करने के बाद अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकियों को एक साथ जोड़ने के लिए अदालत का रुख क्यों किया है।
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