COVID-19: चीन के कठोर कोविड नीति में ढील देने से WHO खुश
उन्होंने कहा कि यह वाकई महत्वपूर्ण है कि सरकार उस समय अपने लोगों की सुन रही है, जब वे तकलीफ में हैं. डब्ल्यूएचओ के आपात सेवा निदेशक डॉ. माइकल रयान ने शुक्रवार को एक प्रेस वार्ता में कहा कि उनका संगठन यह देखकर प्रसन्न है कि चीन कोविड-19 को लेकर अपनी मौजूदा रणनीति में सामंजस्य स्थापित कर रहा है.
उन्होंने कहा कि यह वाकई महत्वपूर्ण है कि सरकार उस समय अपने लोगों की सुन रही है, जब वे तकलीफ में हैं. डब्ल्यूएचओ के आपात सेवा निदेशक डॉ. माइकल रयान ने शुक्रवार को एक प्रेस वार्ता में कहा कि उनका संगठन यह देखकर प्रसन्न है कि चीन कोविड-19 को लेकर अपनी मौजूदा रणनीति में सामंजस्य स्थापित कर रहा है. चीन के कई शहरों में पिछले हफ्ते कोविड-19 से जुड़े कड़े प्रतिबंधों के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन हुए थे. यह कई दशकों में सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी के खिलाफ सबसे बड़ा विरोध-प्रदर्शन था.
रयान ने कहा कि आरएनए मैसेंजर पर आधारित कोविड रोधी टीके, जिनका निर्माण बायो एनटेक, फाइजर और माडर्ना जैसी कंपनियों ने किया है, चीन के लिए टीकाकरण को बढ़ावा देने का एक ‘मजबूत विकल्प’ साबित हो सकते हैं. चीन के स्वदेशी टीके कम असरदार साबित हुए हैं. यह भी पढ़ें : COVID-19: ‘कोविड-प्रेरित मानसिक बीमारियां दिल्ली, गुजरात, झारखंड में लिंग हिंसा को बढ़ाती हैं’
वैज्ञानिकों ने कहा है कि चीनी टीके जो भी सुरक्षा प्रदान करते हैं, उसके कोरोना वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप के उद्भव के साथ और कमजोर हो जाने की आशंका है. चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग के मुताबिक, देश में 80 वर्ष से अधिक उम्र के केवल 66 फीसदी लोगों को कोविड-19 रोधी टीका लगाया गया है, जबकि इस आयु वर्ग के सिर्फ 40 प्रतिशत लोगों को बूस्टर खुराक दी गई है.