देश की खबरें | क्या मुंबई पुलिस आयुक्त की ओर से जारी किया गया पॉक्सो परिपत्र वापस लिया जाएगा: उच्च न्यायालय
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मुंबई, 16 जून बंबई उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को महाराष्ट्र सरकार से सवाल किया कि क्या मुंबई पुलिस आयुक्त द्वारा इस महीने की शुरूआत में जारी किया गया पॉक्सो से संबद्ध परिपत्र (सर्कुलर) पुलिस वापस ले सकती है।
परिपत्र यह प्रावधान करता है कि यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत अपराध या यौन उत्पीड़न के मामले में ‘जोनल’ पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) की अनुमति के बगैर प्राथमिकी दर्ज नहीं की जाएगी।
न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूति वी के बिष्ट की पीठ ने सरकारी वकील को इस बारे में राज्य सरकार से या सीधे पुलिस आयुक्त से निर्देश लेने को कहा कि ‘‘क्या मुंबई पुलिस द्वारा छह जून को जारी किया गया परिपत्र वापस लिया जा सकता है?’’
उच्च न्यायालय शहर की निवासी दमयंती वसावे की एक याचिका पर सुनवाई कर रहा है जिन्होंने दलील दी है कि यह परिपत्र मनमाना है तथा इसे निरस्त करने का अनुरोध किया है।
उच्च न्यायालय आगे की सुनवाई 23 जून को करेगा।
उल्लेखनीय है कि मुंबई पुलिस आयुक्त संजय पांडे ने छह जून को यह परिपत्र जारी किया था।
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने परिपत्र वापस लेने की मांग करते हुए कहा था कि यह यौन उत्पीड़न पीड़िता के अधिकारों का हनन करेगा।
परिपत्र को लेकर आलोचना का सामना करने के बाद पिछले हफ्ते पांडे ने कहा था कि यदि ज्यादातर लोगों को यह उपयुक्त नहीं लगता है तो इस पर पुनर्विचार किया जा सकता है।
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