देश की खबरें | लेह से लौटे सभी श्रमिक भाइयों का स्वगत : सोरेन

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. से सोमवार को यहां पहुंचे 55 श्रमिकों का स्वागत करते हुए कहा कि आने वाले समय में देश के अन्य हिस्सों में फंसे श्रमिकों को भी वापस लाया जायेगा ।

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से सोमवार को यहां पहुंचे 55 श्रमिकों का स्वागत करते हुए कहा कि आने वाले समय में देश के अन्य हिस्सों में फंसे श्रमिकों को भी वापस लाया जायेगा ।

सरकारी प्रवक्ता ने यहां बताया कि मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के प्रयास से दूरस्थ क्षेत्र लेह में फंसे 55 झारखण्डवासियों की आज हवाई मार्ग द्वारा राज्य वापसी हुई। रांची हवाई अड्डे पर मंत्री मिथिलेश ठाकुर एवं मंत्री बादल पत्रलेख ने उनका स्वागत किया और वहां से उनके गंतव्य के भेजा गया ।

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उन्होंने बताया कि श्रमिकों के यहां पहुंचने पर मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘लेह से सैकड़ों किलोमीटर दूर सुदूरवर्ती दुर्गम नुब्रा घाटी से झारखण्ड के श्रमिक भाईयों का दूसरा जत्था हवाई मार्ग से रांची पहुंच गया और उनसभी को जोहार (स्वागत) ।’’

इससे पूर्व 29 मई को लेह से 60 श्रमिकों के रांची पहुंचने पर मुख्यमंत्री ने हवाई अड्डा पहुंच कर उनका स्वागत किया था ।

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सोरेन ने कहा कि हवाई जहाज से प्रवासी मजदूरों को विधिवत तरीके से लाने का सिलसिला शुरू हो चुका है और विभिन्न राज्यों में फंसे अन्य श्रमिकों को भी शीघ्र वापस लाया जायेगा।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे खुशी है कि झारखंड में प्रवासी मजदूरों को हवाई जहाज से वापस लाने का सिलसिला चल रहा है। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि झारखंड देश का ऐसा पहला राज्य है जिसने सबसे पहले हवाई जहाज से मजदूरों को वापस लाने की मांग केंद्र सरकार से की थी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के प्रवासी मजदूर देश के कोने कोने में हैं और वह भारी तनाव में हैं जिसे देखते हुए प्रवासी मजदूरों को सकुशल और सुरक्षित लाने का सिलसिला तब तक जारी रहेगा , जब तक सभी वापस नहीं आ जाते।

उन्होंने कहा कि अब तक राज्य में विशेष ट्रेनों और बसों के माध्यम से

लगभग छह लाख मजदूरों को वापस लाया जा चुका है ।

मुख्यमंत्री ने बताया कि उन राज्यों से हमारी सरकार लगातार संपर्क में हैं जहां प्रवासी मजदूर फंसे हुए हैं,उन राज्यों से आग्रह किया गया है कि वे इन मजदूरों को वापस भेजने में सहयोग करें।

इससे पूर्व राज्य में अंडमान निकोबार और मुंबई से भी श्रमिकों को निजी

संस्थाओं की मदद से हवाई मार्ग से वापस लाया जा चुका है।

इन्दु

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