खेल की खबरें | हम ऋषभ को कभी सलाह नहीं देते कि उसे कैसे खेलना चाहिए: गेंदबाजी कोच म्हाम्ब्रे

चटगांव, 13 दिसंबर भारत के गेंदबाजी कोच पारस म्हाम्ब्रे ने मंगलवार को कहा कि टीम प्रबंधन ऋषभ पंत को कभी अपने स्वाभाविक आक्रामक खेल को बदलने की सलाह नहीं देगा क्योंकि उसे अपनी भूमिका और उससे लगाई जाने वाली उम्मीदों के बारे में पता है।

मौजूदा पीढ़ी के सबसे अधिक आक्रामक खिलाड़ियों में शामिल पंत ने 31 मैच में पांच टेस्ट शतक और 10 अर्धशतक जड़े हैं। वह इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका जैसी टीम के खिलाफ शतक लगा चुके हैं।

बांग्लादेश के खिलाफ बुधवार से शुरू हो रहे पहले टेस्ट से पूर्व पंत को मंगलवार को नेट पर आक्रामक तेवरों के साथ बल्लेबाजी करते हुए देखा गया जिसके बाद म्हाम्ब्रे से बाएं हाथ के इस विकेटकीपर बल्लेबाज के रवैये को लेकर सवाल किया गया।

म्हाम्ब्रे ने मैच से पूर्व प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘‘हमने ऋषभ के साथ कोई विशेष चर्चा नहीं की है। यह उसके खेलने का तरीका है और हमें यह पता है। कुछ भी नहीं बदला है, वह किसी भी प्रारूप के लिए इसी तरह तैयारी करता है। उसे टीम में अपनी भूमिका के बारे में पता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘वह किस तरह खेलता है इसे लेकर हमारी कभी बात नहीं होती क्योंकि उसे पता है कि टीम को उससे क्या उम्मीद है।’’

म्हाम्ब्रे ने यह खुलासा नहीं किया कि भारतीय टीम तीन स्पिनरों के साथ उतरेगी या तीन तेज गेंदबाजों को तरजीह देगी लेकिन उन्हें खुशी है कि अनुभवी तेज गेंदबाज उमेश यादव भारतीय तेज गेंदबाजी आक्रमण की अगुआई कर रहे हैं।

म्हाम्ब्रे ने कहा, ‘‘उमेश काफी अनुभवी गेंदबाज है। हम सभी जानते हैं कि उमेश क्या कर सकता है। दुर्भाग्य से उसे ज्यादा मौके नहीं मिले क्योंकि हमारे पास जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी और मोहम्मद सिराज इंग्लैंड में खेल रहे थे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘टीम प्रबंधन ने उनसे बात की है और चर्चा की है। जहां तक ​​उमेश का संबंध है तो हम स्पष्ट हैं। दूसरी तरह से मैं इसे ऐसे देखता हूं कि वह आक्रमण की अगुवाई करेगा और उसके पास बहुत अनुभव है। सिराज ने टेस्ट क्रिकेट में जिस तरह से प्रगति की है उससे भी मैं खुश हूं। मुझे खुशी है कि उसने अच्छा प्रदर्शन किया है।’’

भारत के पूर्व तेज गेंदबाज ने स्वीकार किया कि बुमराह और शमी की कमी खलेगी।

म्हाम्ब्रे ने कहा, ‘‘बुमराह और शमी की कमी खलेगी लेकिन हम इसे अन्य खिलाड़ियों को टेस्ट क्रिकेट खेलने और देश के लिए अच्छा प्रदर्शन करने के मौके के तौर पर देख रहे हैं।’’

म्हाम्ब्रे ने यह भी स्वीकार किया कि कम से कम चार महीने तक लगातार सफेद गेंद के क्रिकेट के बाद लाल गेंद के प्रारूप में सामंजस्य बैठाना महत्वपूर्ण होगा।

उन्होंने कहा, ‘‘हम लंबे समय के बाद टेस्ट क्रिकेट खेल रहे हैं, इस मानसिक परिवर्तन में थोड़ा समय लगता है। आप अभी ऑस्ट्रेलिया में टी20 विश्व कप से आए हैं और अब यह एक अलग प्रारूप है।’’

म्हाम्ब्रे ने कहा, ‘‘एक अच्छी बात यह है कि इनमें से कई लोग मैच खेल रहे हैं। सिराज (एकदिवसीय), उमेश (भारत ए) ने काफी क्रिकेट खेली है। जहां तक ए सीरीज की बात है तो नवदीप सैनी ने भी काफी क्रिकेट खेली है।’’

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