न्यायपालिका से न्याय मिलना बाकी, इसलिए हमने जनता की अदालत में जाने का फैसला किया: उद्धव ठाकरे
शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बृहस्पतिवार को कहा कि न्यायपालिका का रुख करने के बावजूद उनकी पार्टी को न्याय मिलना अभी बाकी है इसलिए उन्होंने जनता के पास जाने का फैसला किया है.
मुंबई, 3 अक्टूबर : शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बृहस्पतिवार को कहा कि न्यायपालिका का रुख करने के बावजूद उनकी पार्टी को न्याय मिलना अभी बाकी है इसलिए उन्होंने जनता के पास जाने का फैसला किया है. उन्होंने बागी शिवसेना विधायकों को अयोग्य ठहराने का अनुरोध करने वाली अपनी याचिकाओं का जिक्र करते हुए यह बात कही. ठाकरे ने नवरात्र के पहले दिन अपनी पार्टी के ‘थीम’ गीत ‘मशाल गीत’ की शुरुआत की. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले जारी किए गए इस गीत में देवी ‘जगदंबा’ से राक्षसों का नाश करने के लिए ‘मशाल’ देने की अपील की गई है.
उन्होंने कहा, ‘‘हम पिछले ढाई साल से अदालतों का दरवाजा खटखटा रहे हैं. हमारे हाथ दुखने लगे हैं. हमें न्यायपालिका पर भरोसा है, लेकिन अब तक न्याय नहीं मिल पाया है.’’ ठाकरे ने कहा, ‘‘इसलिए हमने जगदंबा से प्रार्थना करने का फैसला किया है कि कम से कम आप हमारी पुकार सुनें. अब न्याय मांगने के लिए जनता के दरबार में जा रहे हैं.’’ इससे पूर्व ठाकरे ने जून 2022 में बाल ठाकरे द्वारा स्थापित पार्टी के विभाजन के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में बागी शिवसेना विधायकों की ‘‘अयोग्यता में देरी’’ का दावा करते हुए निराशा व्यक्त की थी. यह भी पढ़ें : जया बच्चन सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी संसदीय समिति से अलग हुईं
विभाजन के बाद, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) विपक्षी गुट महा विकास आघाडी (एमवीए) का हिस्सा है. कांग्रेस और शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा-एसपी) भी एमवीए का हिस्सा है. शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना सत्तारूढ़ गठबंधन ‘महायुति’ में भागीदार है, जिसमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा भी शामिल है. नवंबर में 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा के लिए चुनाव होने वाले हैं.