इंफाल, 13 जनवरी कांग्रेस ने शनिवार को कहा कि राहुल गांधी के नेतृत्व में रविवार से मणिपुर से शुरू हो रही 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' चुनावी नहीं, बल्कि वैचारिक यात्रा है तथा यह मोदी सरकार के पिछले 10 साल के ‘अन्याय काल’ के खिलाफ निकाली जा रही है।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यात्रा की शुरुआत से एक दिन पहले भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) पर निशाना साधते हुए यह भी कहा कि आज देश के सामने एक ऐसी विचारधारा की चुनौती है जो ध्रुवीकरण, अमीरों को और अमीर बनाने तथा राजनीतिक तानाशाही में विश्वास करती है।
कांग्रेस रविवार से राहुल गांधी के नेतृत्व में मणिपुर से 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' शुरू करेगी जिसके जरिये उसका प्रयास होगा कि लोकसभा चुनाव में बेरोजगारी, महंगाई और सामाजिक न्याय से जुड़े मुद्दों को विमर्श के केंद्रबिंदु में लाया जाए।
यह यात्रा 14 जनवरी को मणिपुर की राजधानी इंफाल के निकट थोबल से शुरू होगी और मार्च के तीसरे सप्ताह में मुंबई में इसका समापन होगा। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे इस यात्रा को हरी झंडी दिखाएंगे।
'भारत जोड़ो न्याय यात्रा ' शुरू करने से पहले राहुल गांधी थोबल में खोंगजोम युद्ध स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि देंगे। यह एक ऐतिहासिक स्मारक है, जिसका उद्घाटन 2016 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने किया था।
यात्रा के दौरान राहुल गांधी हर दिन दो सभाओं को संबोधित करेंगे। इसके अलावा, वह हर दिन समाज के विभिन्न वर्गों के 20 से 25 लोगों से मिलेंगे। वह सामाजिक संगठनों के सदस्यों के साथ भी बातचीत करेंगे।
रमेश ने कहा कि अगले 11 दिनों के दौरान यात्रा पूर्वोत्तर के पांच राज्यों से होकर गुजरेगी। 23 जनवरी को राहुल गांधी घोषणापत्र के सिलसिले में गुवाहाटी में लोगों से जनसंवाद करेंगे।
कांग्रेस ने इस यात्रा के लिए विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' के अपने सहयोगी दलों के नेताओं को भी आमंत्रित किया है और उसे उम्मीद है कि विभिन्न राज्यों में इस गठबंधन से जुड़े दलों के प्रमुख नेता यात्रा का हिस्सा बनेंगे।
रमेश ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शनिवार को 'इंडिया' गठबंधन के घटक दलों के नेताओं को यात्रा में भाग लेने के लिए औपचारिक रूप से आमंत्रित किया।
कांग्रेस का कहना है कि लोकसभा चुनाव से पहले निकाली जा रही यह यात्रा 67 दिन में 15 राज्यों और 110 जिलों से होकर गुजरेगी।‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के दौरान लगभग 6,700 किलोमीटर की दूरी तय की जायेगी। यात्रा ज्यादातर बस से होगी, लेकिन कहीं-कहीं पदयात्रा भी होगी।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सात सितंबर 2022 से 30 जनवरी 2023 तक कन्याकुमारी से कश्मीर तक ‘भारत जोड़ो यात्रा’ निकाली थी। उनकी 136 दिन की इस पदयात्रा में 12 राज्यों और दो केंद्रशासित प्रदेशों के 75 जिलों और 76 लोकसभा क्षेत्रों से गुजरते हुए 4,081 किलोमीटर की दूरी तय की गई थी।
कांग्रेस का कहना है कि 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' कोई चुनावी यात्रा नहीं है, बल्कि देश के लिए न्याय की मांग करना है। हालांकि राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह से एक सप्ताह पहले आरंभ हो रही उसकी इस यात्रा को लोकसभा चुनाव में बेरोजगारी, महंगाई और सामाजिक न्याय से जुड़ा विमर्श खड़ा करने के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है।
राहुल गांधी ने शुक्रवार को दावा किया था कि भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) वास्तविक मुद्दों से ध्यान भटकाकर भावनात्मक मुद्दों का राजनीतिक दुरुपयोग कर रहे हैं।
रमेश ने शनिवार को इंफाल में संवाददाताओं से कहा, "पहले कांग्रेस ने ‘भारत जोड़ो यात्रा’ निकाली थी जो देश की राजनीति के लिए परिवर्तनकारी क्षण लेकर आयी…पहला कदम ‘भारत जोड़ो यात्रा’ था और दूसरा कदम ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ है।’'
रमेश ने दावा किया, ''आजकल प्रधानमंत्री देश को अमृतकाल के सुनहरे सपने दिखा रहे हैं, जबकि हकीकत यह है कि पिछले 10 साल अन्याय काल निकले। अन्याय काल की कोई बात नहीं होती, सिर्फ अमृतकाल की बड़ी बड़ी बातें होती हैं।''
उनका कहना था कि यह यात्रा सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक अन्याय के खिलाफ है। रमेश ने कहा, ‘संविधान की बुनियाद न्याय है, इसलिए ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ निकाली जा रही है।”
रमेश ने कहा कि यह यात्रा मणिपुर को न्याय दिलाने के लिए भी है। उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में दो घंटे का 'प्रवचन' दिया था, लेकिन मणिपुर के बारे में सिर्फ दो-तीन मिनट ही बात की।
मणिपुर में तीन मई को हिंसा शुरू होने के बाद से कुकी और मेइती समुदाय के लोगों के बीच जातीय संघर्ष में 200 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है और 60,000 से अधिक लोग बेघर हो चुके हैं।
‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ मणिपुर, नगालैंड, अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र से होकर गुजरेगी।
इस यात्रा को आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनजर राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। लोकसभा चुनाव अगले साल अप्रैल-मई में होने की संभावना है।
कांग्रेस कार्य समिति की 21 दिसंबर को हुई बैठक में पार्टी नेताओं इस बात पर जोर दिया था कि राहुल गांधी को पूरब से पश्चिम तक दूसरे चरण की यात्रा करनी चाहिए। इसके बाद यात्रा की घोषणा की गई है।
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