देश की खबरें | लोकसभा चुनाव के बाद अन्नाद्रमुक, भाजपा के बीच जुबानी जंग
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चेन्नई, पांच जुलाई भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की तमिलनाडु इकाई के प्रमुख अन्नामलाई और ऑल इंडिया अन्ना द्रविड मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) के महासचिव के. पलानीस्वामी के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है।
अन्नामलाई ने पलानीस्वामी को ‘गद्दार’ कहा, वहीं अन्नाद्रमुक महासचिव ने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष को ‘प्रचार का भूखा’ बताया।
अन्नाद्रमुक पिछले साल सितंबर में भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से बाहर हो गई थी। पलानीस्वामी ने विक्रवंडी विधानसभा सीट पर उपचुनाव का बहिष्कार करने के अन्नाद्रमुक के निर्णय की आलोचना के लिए अन्नामलाई पर निशाना साधा।
पलानीस्वामी ने भाजपा के प्रदेश प्रमुख को याद दिलाया कि उनके नेतृत्व में तमिलनाडु में राजग का वोट प्रतिशत कम हुआ तथा भाजपा को केंद्र में गठबंधन सरकार बनानी पड़ी।
पलानीस्वामी ने कटाक्ष करते हुए अन्नामलाई को ‘‘राजनीतिक प्रतिभावान व्यक्ति’’ बताते हुए कोयंबटूर में संवाददाताओं से कहा कि अन्नामलाई की आलोचना ‘सोच समझकर’’ की गई है।
अन्नाद्रमुक नेता ने कहा, ‘‘लोकसभा चुनाव के दौरान विल्लुपुरम से हमारा उम्मीदवार 6,800 वोटों के मामूली अंतर से हार गया था...उस पार्टी की आलोचना करना निंदनीय है जिसने बिगड़ती कानून व्यवस्था का हवाला देकर उपचुनाव से दूर रहने का फैसला किया है।’’
उन्होंने दावा किया कि अन्नामलाई यह गलत धारणा बना रहे हैं कि उनके नेतृत्व में भाजपा आगे बढ़ रही है। पलानीस्वामी ने कहा, ‘‘लेकिन यह सच नहीं है।’’
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार सी पी राधाकृष्णन को कोयंबटूर से अन्नाद्रमुक उम्मीदवार से 42,000 वोट कम मिले थे, जबकि 2024 के चुनाव में अन्नामलाई बड़े मत से हार गए।
पलानीस्वामी ने कहा, ‘‘क्या (अन्नामलाई) के नेतृत्व में तमिलनाडु में भाजपा आगे बढ़ी है? भाजपा के नेतृत्व वाले राजग ने 2014 में 18.80 प्रतिशत वोट शेयर हासिल किया था, जो 2024 के लोकसभा चुनाव में घटकर 18.28 प्रतिशत रह गया।’’
पूर्व मुख्यमंत्री पलानीस्वामी ने आरोप लगाया, ‘‘अन्नामलाई प्रचार के भूखे हैं। क्या उन्होंने केंद्र के माध्यम से राज्य के लिए कोई नयी पहल की है? नहीं। वह केवल झूठी कहानी गढ़ रहे हैं और अन्य दलों के खिलाफ अपमानजनक बयानबाजी कर रहे हैं।’’
पलटवार करते हुए, अन्नामलाई ने विक्रवंडी में संवाददाताओं से कहा कि पलानीस्वामी अपनी ‘‘सत्ता की स्वार्थी चाहत’’ के कारण अन्नाद्रमुक को ‘‘बर्बाद’’ कर रहे हैं।
उन्होंने दावा किया, ‘‘परिणामस्वरूप, अन्नाद्रमुक कार्यकर्ताओं ने पार्टी से पलायन करना शुरू कर दिया और उनमें से कई भाजपा में आ रहे हैं। इसका असर 2026 के विधानसभा चुनावों में भाजपा के वोट शेयर पर दिखेगा।’’
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, ‘‘अगर गद्दार शब्द किसी के लिए उपयुक्त है तो वह पलानीस्वामी हैं जिन्होंने भाजपा का साथ छोड़ दिया। अन्नाद्रमुक ने लोकसभा चुनाव में जमानत गंवा दी क्योंकि पार्टी अच्छी है लेकिन नेतृत्व अच्छा नहीं है।’’
अन्नामलाई ने कहा कि यह अजीब बात है कि अन्नाद्रमुक, जो सभी चुनावों में जमानत गंवाती रही है, उन्हें सलाह दे रही है कि भाजपा को कैसे चलाना है और उन्हें राज्य के नेता के रूप में कैसे काम करना चाहिए।
अन्नामलाई ने सवाल किया, ‘‘उनका (पलानीस्वामी) कहना है कि अन्नाद्रमुक बिगड़ती कानून व्यवस्था के कारण विक्रवंडी उपचुनाव का बहिष्कार कर रही है। अगर कानून व्यवस्था में सुधार नहीं हुआ तो क्या अन्नाद्रमुक 2026 के विधानसभा चुनाव से दूर रहेगी?’’
प्रदेश भाजपा प्रमुख ने कहा कि पलानीस्वामी नए-नए बहाने की तलाश में हैं और विपक्ष के जिम्मेदार नेता के रूप में काम नहीं कर रहे।
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