The Kashmir Files: विवेक रंजन अग्निहोत्री ने कहा- सार्वभौमिक महत्व वाली एक संवेदनशील फिल्म बनाना चाहता था
इस संवाददाता सम्मेलन में अनुपम खेर और पल्लवी जोशी भी मौजूद थे. अग्निहोत्री ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि यह फिल्म भारत को अपनी कूटनीतिक पहुंच बढ़ाने में मदद कर सकती है. निर्देशक ने कहा कि वह हॉलीवुड से प्रेरित होकर ऐसी फिल्में बनाते हैं, जो देश की प्रशंसा करती हैं और दुनिया के सामने इसकी महानता पेश करती हैं.
नयी दिल्ली: फिल्मकार विवेक रंजन अग्निहोत्री (Vivek Ranjan Agnihotri) ने 1990 में कश्मीर घाटी (Kashmir Valley) से पंडितों के पलायन पर आधारित हाल में रिलीज हुई अपनी फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' (The Kashmir Files) को सार्वभौमिक अपील वाली फिल्म बताया है. 'द कश्मीर फाइल्स' का निर्देशन एवं पटकथा लेखन विवेक रंजन अग्निहोत्री ने ही किया है. फिल्म में अनुपम खेर (Anupam Kher), मिथुन चक्रवर्ती (Mithun Chakraborty) और पल्लवी जोशी (Pallavi Joshi) ने अहम किरदार निभाए हैं. BJP नेता मनोज तिवारी की मांग, दिल्ली में The Kashmir Files को टैक्स फ्री करें CM केजरीवाल
अग्निहोत्री ने सोमवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘मैं एक संवेदनशील फिल्म बनाना चाहता था, जिसका सार्वभौमिक महत्व हो. पूरी दुनिया के लोगों को यह फिल्म पसंद आ रही है, इस फिल्म में किरदारों द्वारा व्यक्त की गयीं संवेदनाएं अंतरराष्ट्रीय स्तर की हैं. मैं पूरी दुनिया को कश्मीर घाटी में जो हुआ, उसकी सच्चाई दिखाना चाहता था.’’
इस संवाददाता सम्मेलन में अनुपम खेर और पल्लवी जोशी भी मौजूद थे. अग्निहोत्री ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि यह फिल्म भारत को अपनी कूटनीतिक पहुंच बढ़ाने में मदद कर सकती है. निर्देशक ने कहा कि वह हॉलीवुड से प्रेरित होकर ऐसी फिल्में बनाते हैं, जो देश की प्रशंसा करती हैं और दुनिया के सामने इसकी महानता पेश करती हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए हम यह फिल्म लोगों को दिखाने के लिए अमेरिका में हर जगह गए. हमारा ध्यान केवल भारतीयों को ही यह फिल्म दिखाने पर नहीं था. हमने अमेरिकियों, अश्वेतों, गोरों, हिस्पैनिक्स और अन्य समुदाय और देशों के लोगों पर अपना ध्यान केंद्रित किया.’’
इस संवाददाता सम्मेलन में मौजूद वैश्विक कश्मीरी पंडित प्रवासी संगठन के सह-संस्थापक सुरिंदर कौल ने कहा कि उन्होंने कश्मीरी पंडितों की दुर्दशा को उजागर करने वाली फिल्म बनाने के लिए अतीत में कई बॉलीवुड निर्देशकों से संपर्क किया था.
कौल ने कहा, ‘‘कई फिल्में कश्मीर पर बनीं लेकिन या तो उन्होंने आतंकवाद को रोमांटिक तरीके से प्रदर्शित किया अथवा उसका महिमामंडन किया. हमारी दर्दनाक कहानी को पूरी तरह से सफेद कर दिया गया था. हमने अपनी कहानी बताने के लिए कई बॉलीवुड निर्देशकों से संपर्क किया और मुझे यह कहते हुए शर्म आ रही है, हमारे अनुरोध को दरकिनार कर दिया गया.’’
अभिनेता अनुपम खेर ने कहा कि इस फिल्म को पूरी दुनिया के लोगों का समर्थन प्राप्त हो रहा है.
अनुपम खेर ने कहा, ‘‘हमने फिल्म में महत्वपूर्ण जानकारियों और वाद-विवाद का बखूबी इस्तेमाल किया है और जैसा कि कौल साहब ने कहा कि उन्होंने कई लोगों से संपर्क किया और आखिरकार विवेक सहमत हो गए. उन्होंने चार साल तक शोध किया और कश्मीरी पंडित समुदाय के कई लोगों से बात की.’’ यह पूछे जाने पर कि क्या यह फिल्म केवल बॉलीवुड में इसलिए बन सकी, क्योंकि सत्ता में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है, खेर ने कहा, ‘‘यह सच है. हर फिल्म का अपना समय होता है.’’
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