विदेश की खबरें | हिंसा या गरीबी? कई महिलाओं के सामने मुश्किल चयन

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on world at LatestLY हिन्दी. ब्रिस्बेन, 27 नवंबर (360 इंफो) घरेलू हिंसा का शिकार हुई कई महिलाओं के लिए जीवनयापन की लागत के कारण अपमानजनक संबंध को छोड़ना मुश्किल हो जाता है।

श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने

ब्रिस्बेन, 27 नवंबर (360 इंफो) घरेलू हिंसा का शिकार हुई कई महिलाओं के लिए जीवनयापन की लागत के कारण अपमानजनक संबंध को छोड़ना मुश्किल हो जाता है।

घरेलू हिंसा से पीड़ित 30 वर्षीय जेसिका पहले ही अपनी आय का लगभग एक-तिहाई हिस्सा किराए पर खर्च करती है। ब्रिस्बेन में रहकर दो बच्चों का अकेले पालन-पोषण कर रही जेसिका को घर के किराए में और बढ़ोतरी की चिंता सता रही है।

जेसिका ने कहा, ‘‘यह मेरे लिए बुरे सपने की तरह है। मुझे चिंता है कि यदि वे इसे बढ़ा देंगे तो मैं इसका खर्च नहीं उठा पाऊंगी। मैं बेघर नहीं होना चाहती। मैं नहीं चाहती कि मेरे बच्चे बेघर हों।’’

मैंने लिंग आधारित हिंसा और गरीबी के बीच संबंधों पर अपने शोध के तहत जेसिका सहित 10 पीड़िताओं से बात की। इनमें से अधिकतर महिलाओं के बच्चे हैं और उनमें से कई ने जीवनयापन की बढ़ती लागत से जुड़े तनाव का जिक्र किया।

तेजी से बढ़ते अनिश्चित समय में अपमानजनक रिश्ते को झेल रही महिलाओं को एक मुश्किल विकल्प को चुनना पड़ता है: हिंसक रिश्ते में बने रहना या उसे छोड़कर गरीबी में जीने का जोखिम उठाना।

इसके अलावा, पीड़िताओं को चोट पहुंचाने या उन्हें नियंत्रित करने के लिए कई अपराधी धन या वित्त का उपयोग करते हैं। बैंकों ने बताया है कि दुर्व्यवहार करने का यह तरीका पिछले तीन साल में बढ़ा है।

अपराधी अपने पूर्व जीवनसाथी पर नियंत्रण बनाए रखने के लिए अलग होने के बाद वित्तीय प्रक्रियाओं को अक्सर हथियार बनाते हैं। अपने बच्चों की देखभाल के लिए वित्तीय सहायता पर निर्भर मां विशेष रूप से इस असुरक्षा से पीड़ित हैं।

स्विनबर्न विश्वविद्यालय के एक हालिया अध्ययन में 80 प्रतिशत महिलाओं ने बताया कि उनके पूर्व-साथी ने अलग होने के बाद शारीरिक शोषण के स्थान पर वित्तीय शोषण करना शुरू कर दिया।

यह समस्या निःसंदेह भयानक है, फिर भी ऐसा नहीं है कि इससे निपटा नहीं जा सकता। इसे नीतियों, कानूनों, सामाजिक आवास में निवेश में वृद्धि आदि कदमों से कम किया जा सकता है।

ऑस्ट्रेलिया सरकार ने हिंसा के आर्थिक प्रभावों से उबरने में पीड़िताओं की मदद करने की प्रतिबद्धता जताई है।

महिलाओं और बच्चों के खिलाफ हिंसा समाप्त करने की राष्ट्रीय योजना 2022-23 की पहली कार्य योजना और महिला आर्थिक समानता कार्यबल की हाल में जारी रिपोर्ट की सिफारिशें लागू करना इस दिशा में अच्छी पहल होगी।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)

Share Now

\