मुंबई, एक नवंबर महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख ने सोमवार को दावा किया कि ‘‘निहित स्वार्थों’’ द्वारा एक झूठी कहानी बनाई गई कि वह धनशोधन मामले की जांच के संबंध में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने पेश होने से बच रहे हैं।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता ने कहा कि वह ‘‘निष्पक्ष अधिकारियों’’ के सामने पेश होने के इच्छुक हैं।
देशमुख ने सोमवार को यहां ईडी के कार्यालय में जाने के बाद एक बयान में दावा किया, ‘‘कुछ निहित स्वार्थों द्वारा एक गलत कहानी, एक गलत धारणा बनाई जा रही है, कि मैं प्रवर्तन निदेशालय के सामने पेश होने से बच रहा हूं। निस्संदेह, इस तरह का प्रचार बिल्कुल निराधार है।’’
राकांपा के नेता ने कहा कि उन्होंने बिना किसी डर या पक्षपात के केवल पारदर्शी और निष्पक्ष जांच की मांग की है।
बयान में कहा गया है, ‘‘मैं इस तरह के निष्पक्ष अधिकारियों के सामने पेश होने और मेरे खिलाफ लगाए गए आरोपों के झूठ को उजागर करने के लिए उत्सुक हूं। मुझे उम्मीद है कि प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी निष्पक्ष तरीके से कार्य करेंगे और जांच में मेरे सहयोग के बारे में शंकाओं को भी दूर करेंगे।’’
जांच एजेंसी के अधिकारियों ने कहा कि वे महाराष्ट्र पुलिस प्रतिष्ठान में 100 करोड़ रुपये के कथित रिश्वत-सह-जबरन वसूली रैकेट में उसके द्वारा की जा रही आपराधिक जांच के संबंध में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत 71 वर्षीय देशमुख का बयान दर्ज करेंगे। इस मामले को लेकर इस साल अप्रैल में देशमुख को राज्य के गृह मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
देशमुख को मामले में ईडी द्वारा कम से कम चार समन जारी किये गये थे और बम्बई उच्च न्यायालय द्वारा पिछले हफ्ते इन समन को रद्द करने से इनकार करने के बाद, वह सोमवार को एजेंसी के सामने पेश हुए।
देशमुख और अन्य के खिलाफ ईडी का मामला केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा उनके खिलाफ मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा लगाए गए रिश्वत के आरोपों से संबंधित भ्रष्टाचार का मामला दर्ज करने के बाद सामने आया है।
सिंह का नाम लिए बिना उनकी आलोचना करते हुए देशमुख ने कहा कि ‘‘बेईमान व्यक्ति’’ स्वयं भ्रष्टाचार के कई रैकेट में शामिल हैं।
देशमुख ने कहा, ‘‘पुलिस आयुक्त का उच्च पद संभालने वाला प्रमुख व्यक्ति अब एक वांछित फरार अपराधी है।’’
मजिस्ट्रेट की एक अदालत ने शनिवार को उपनगरीय गोरेगांव में दर्ज एक जबरन वसूली के कथित मामले में सिंह के खिलाफ गैर-जमानती वारंट (एनबीडब्ल्यू) जारी किया था।
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