देश की खबरें | उत्तराखंड : समान नागरिक संहिता पर लोगों की राय लेने के लिए पोर्टल शुरू

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. उच्चतम न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में गठित विशेषज्ञ समिति ने समान नागरिक संहिता कानून का मसौदा तैयार करने हेतु उत्तराखंड की जनता की राय और सुझाव लेने के लिए बृहस्पतिवार को यहां एक पोर्टल की शुरूआत की।

देहरादून, आठ सितंबर उच्चतम न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में गठित विशेषज्ञ समिति ने समान नागरिक संहिता कानून का मसौदा तैयार करने हेतु उत्तराखंड की जनता की राय और सुझाव लेने के लिए बृहस्पतिवार को यहां एक पोर्टल की शुरूआत की।

पोर्टल की शुरूआत करने के बाद देसाई ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘समान नागरिक संहिता का मसौदा तैयार करने के लिए हमें सबका सहयोग चाहिए। हम चाहते हैं कि लोग पोर्टल पर आकर अपने विचार, सुझाव, आपत्तियां और शिकायतें भी दें। इससे हमें समान नागरिक संहिता का मसौदा तैयार करने में मदद मिलेगी।’’

उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता का उद्देश्य विवाह, तलाक, संपत्ति का अधिकार जैसे व्यक्तिगत मुददों पर जनता से राय और सुझाव लेना है, जिससे समिति अपना काम अच्छी तरह से कर सके।

एक सवाल के जवाब में न्यायमूर्ति (अवकाश प्राप्त)देसाई ने कहा कि समिति बहुत तेजी से काम कर रही है, लेकिन मसौदा तैयार करने के लिए कोई समयसीमा निर्धारित करना आसान नहीं है।

उन्होंने कहा कि इसके लिए एक या दो महीने की समयसीमा निर्धारित करना आसान नहीं है; इस विषय में सभी हितधारकों से बात करने और उनके विचार जानने में समय लगता है।

हालांकि, उन्होंने कहा, ‘‘ हमने कई बैठकें की हैं, उपसमितियां बनाई हैं और हमारा इरादा जल्द से जल्द मसौदा तैयार करने का है।’’

समिति में बतौर सदस्य शामिल उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव शत्रुध्न सिंह ने कहा कि समिति को शादी, तलाक, दत्तक ग्रहण, उत्तराधिकार, गुजारा भत्ता जैसे व्यक्तिगत मुद्दों से संबंधित मौजूदा कानून का अध्ययन करने तथा इस बात की संभावनाएं तलाशने का काम दिया गया है कि उनमें संशोधन करके, अलग-अलग नए कानून बनाकर या उन्हें एक ही छत्र के नीचे लाकर कैसे एकरूपता लायी जा सकती है।

उन्होंने कहा, ‘‘फिलहाल हमारे सामने सभी विकल्प खुले हुए हैं। यह कहना जल्दबाजी होगी कि समान नागरिक संहिता के मसौदे का अंतिम रूप क्या होगा।’’

सिंह ने हालांकि, स्पष्ट तौर पर कहा कि समान नागरिक संहिता का किसी धर्म से कोई लेना-देना नहीं है।

यहां राजभवन प्रेक्षागृह में ‘‘यूसीसी डॉट यूके डॉट जीओवी डॉट इन’’ नाम के इस पोर्टल की शुरूआत होते ही राज्य भर के लोगों को इस प्रक्रिया में शामिल होने के लिए प्रोत्सहित करने हेतु एक करोड लोगों को एसएमएस और व्हाटसएप के माध्यम से संदेश भेजे गए।

विधानसभा चुनावों से ठीक पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश में समान नागरिक संहिता लागू करने का वायदा किया था। मार्च में राज्य मंत्रिमंडल की पहली बैठक में ही इसके लिए समिति गठित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी थी और 27 मार्च को इसका गठन किया गया।

समिति की अब तक पांच बैठकें हो चुकी हैं ।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)

Share Now

\