देश की खबरें | दीवाली पर कम से कम पटाखों का इस्तेमाल करें : रावत की अपील

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. उत्तराखंड में पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाए जाने की संभावनाओं को नकारते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बुधवार को जनता से दिवाली पर कम से कम पटाखों का इस्तेमाल करने का आग्रह किया ।

एनडीआरएफ/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: ANI)

देहरादून, 11 नवंबर उत्तराखंड में पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाए जाने की संभावनाओं को नकारते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बुधवार को जनता से दिवाली पर कम से कम पटाखों का इस्तेमाल करने का आग्रह किया ।

यहां एक कार्यक्रम में संवाददाताओं द्वारा राष्ट्रीय हरित अधिकरण के हरित दिवाली संबंधी आदेश के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री रावत ने कहा, ‘‘मैं प्रदेशवासियों से कहना चाहता हूं कि पटाखों का कम से कम इस्तेमाल करें। इससे पर्यावरण भी सुरक्षित रहेगा और हमारा स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा।’’

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मुख्यमंत्री ने कोविड-19 को लेकर बुधवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन के साथ आठ राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों की हुई बैठक का जिक्र करते हुए कहा कि सर्दी बढने तथा दिल्ली में महामारी के फिर तेजी से बढने के मददेनजर सबको सतर्क किया गया है ।

उन्होंने बताया कि बैठक में उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में कोविड का प्रसार दिल्ली पर निर्भर करता है क्योंकि उत्तराखंड के बहुत सारे लोग दिल्ली में रहते हैं और त्योहार मनाने के लिए वे घरों की ओर आ रहे हैं । रावत ने कहा, 'मैंने उन्हें बताया कि यदि दिल्ली में नियंत्रण रहेगा तो उत्तराखंड में भी काफी हद तक नियंत्रण रहेगा ।

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हालांकि, उन्होंने कहा कि महामारी से निपटने के लिए उनकी सरकार हर प्रकार से तैयार है तथा जागरूकता कार्यक्रम भी और तेजी से चलाए जाएंगे ।

ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण के लिए 10 वर्षों में 25 हजार करोड रूपये खर्च होने संबंधी घोषणा के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रीष्मकालीन राजधानी में समानांतर व्यवस्थाएं करनी होगी और इसकी योजना के लिए वहां एक समिति का गठन कर दिया गया है । उन्होंने कहा कि एक अनुमान के तहत वहां सरकार और निजी निवेशकों द्वारा 25 हजार करोड रूपये का निवेश होगा तथा अवस्थापना सुविधाएं, स्वास्थ्य, शिक्षा, पानी, बिजली, सडकें, सीवेज, खेल के मैदान, मनोरंजन आदि सभी व्यवस्थाएं होंगी ।

उन्होंने कहा कि हमारा पहला प्रयास इसके लिए पर्याप्त भूमि की व्यवस्था करने का होगा ।

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