देश की खबरें | उप्र: आंबेडकर के कथित अपमान के खिलाफ बसपा कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन, शाह के इस्तीफे की मांग की
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के कार्यकर्ताओं ने डॉक्टर भीम राव आंबेडकर के संबंध में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की टिप्पणी के विरोध में मंगलवार को प्रदर्शन किया और उनसे इस्तीफे की मांग की।
लखनऊ, 24 दिसंबर उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के कार्यकर्ताओं ने डॉक्टर भीम राव आंबेडकर के संबंध में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की टिप्पणी के विरोध में मंगलवार को प्रदर्शन किया और उनसे इस्तीफे की मांग की।
बसपा प्रमुख मायावती ने शाह की टिप्पणी के संदर्भ में देशभर के जिला मुख्यालयों पर मंगलवार को शांतिपूर्ण धरना-प्रदर्शन करने की सोमवार को घोषणा की थी। बाद में उन्होंने प्रदर्शन को सफल बताते हुए पार्टी कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त किया।
बसपा प्रमुख के आह्वान पर प्रदेश के जिला मुख्यालयों पर मंगलवार को बसपा कार्यकर्ताओं ने शाह के खिलाफ प्रदर्शन किया।
पार्टी कार्यकर्ताओं ने राजधानी लखनऊ सहित राज्य के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन किये।
यहां हजरतगंज इलाके में आंबेडकर की प्रतिमा के सामने बसपा कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया और शाह के इस्तीफे की मांग की।
नीले झंडे के साथ हाथों में तख्तियां लिये बसपा कार्यकर्ताओं ने कहा कि शाह माफी मांगें या इस्तीफा दें। उनकी तख्तियों पर “आंबेडकर के सम्मान में, बसपा मैदान में” और “गृहमंत्री अमित शाह, इस्तीफा दें” जैसे नारे लिखे थे।
बसपा के लखनऊ जोन के पूर्व संयोजक सजीवन लाल ने कहा कि यह विरोध-प्रदर्शन गृहमंत्री अमित शाह द्वारा संसद में दिए गए उस बयान के जवाब में मायावती के आह्वान पर आयोजित किया गया है, जिसमें बाबासाहेब का अपमान किया गया है।
लाल ने ‘पीटीआई-वीडियो’ से कहा, ‘‘हम अमित शाह के खिलाफ कार्रवाई और उनके इस्तीफे की मांग को लेकर यह प्रदर्शन कर रहे हैं।’’
उन्होंने प्रशासन पर कार्यकर्ताओं को विरोध-प्रदर्शन से रोकने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘हम जहां भी हैं, अपना विरोध जारी रखेंगे। हम शांतिपूर्ण मार्च निकालेंगे और लखनऊ के जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपेंगे।’’
बसपा नेताओं का कहना है कि इस ज्ञापन के जरिये वे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से अपील करेंगे कि गृहमंत्री को मंत्रिमंडल से तुरंत बर्खास्त किया जाए।
औरैया, जालौन, वाराणसी, उन्नाव व फिरोजाबाद समेत राज्य के विभिन्न जिलों में भी इसी तरह के विरोध-प्रदर्शन हुए।
बाद में, बसपा प्रमुख मायावती ने प्रदर्शन को सफल बताते हुए 'एक्स' पर कहा, "आज पूरे देश में बसपा के सभी पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं व परमपूज्य बाबा साहेब डॉ भीमराव आंबेडकर के उन सभी अनुयाइयों का अति-आभार, शुक्रिया व धन्यवाद जिन्होंने श्री अमित शाह द्वारा किए गए बाबा साहेब के अनादर के विरुद्ध सभी जिला मुख्यालयों पर शान्तिपूर्ण सफल धरना-प्रदर्शन किया।"
उन्होंने सिलसिलेवार पोस्ट में कहा, "बाबा साहेब विरोधी टिप्पणी वापस नहीं लेने व पश्चाताप नहीं करने पर बसपा के आह्वान पर आयोजित ऐसे प्रदर्शन आदि समस्या का स्थाई हल नहीं, बल्कि इसके लिए बहुजनों को सत्ता की मास्टर चाबी प्राप्त करके शासक वर्ग बनकर ही अपना उद्धार स्वंय करने योग्य बनना होगा तभी मुक्ति व सम्मान संभव।"
मायावती ने कहा, "आज के सफल आन्दोलन से यह साबित है कि भाजपा हो या कांग्रेस या कोई अन्य पार्टी ’बाबा साहेब का अपमान, नहीं सहेगा हिन्दुस्तान’। वास्तव में लोगों के ’अच्छे दिन’ अर्थात् जनहित व जनकल्याण-युक्त देश निर्माण हेतु बाबा साहेब के संविधान पर पूरी निष्ठा व ईमानदारी से अमल करना जरूरी।”
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने पिछले मंगलवार को संविधान पर राज्यसभा में बहस का जवाब देते हुए कहा था, ‘‘अभी एक फैशन बन गया है... आंबेडकर, आंबेडकर, ....। इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता।’’
शाह के इस बयान के लिए विपक्षी दलों के नेताओं ने उनकी तीखी आलोचना की है।
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